औषधीय खेती से रहें निरोग और लगाएं उद्योग

    04-Dec-2025
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नई दिल्ली। विकास आयुक्त कार्यालय वाराणसी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय और सुगन्ध, सुरस विकास केंद्र कानपुर एवं इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट की ओर से सुगंधित पेड़ पौधों की खेती और इससे संबंधित उद्योग की जागरूकता अभियान बुधवार को जगतपुर पीजी कॉलेजवाराणसी  में हुआ। इसमें 65 छात्राओं, अध्यापकों व कर्मचारियों को जागरूक किया गया। सुगंध एवं सुरस विकास केंद्र के डॉ. भक्ति विजय शुक्ला ने सुगंधि और औषधीय की खेती करके कैसे इसका व्यायसायिक उपयोग कर सकते हैं और कैसे इससे संबंधित उद्यम लगा सकते हैं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान अजय कुमार सिंह ने हुनर ए बनारस पर वृत्तचित्र दिखाया। धन्यवाद ज्ञापन प्रधानाचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह ने किया। मौके पर प्रो. मोनिका सक्सेना, प्रो. रीता सिंह, डॉ. ज्योतिका श्रीवास्तव, डॉ. विनीता सिंह, संगीता गुप्ता रहीं।

सुगंधित पेड़ पौधों की खेती से फायदे

सुगंधित पौधों की खेती से कई फायदे होते हैं, जिनमें उच्च मुनाफा, रोजगार के अवसर, निर्यात से विदेशी मुद्रा कमाना, और कम उपजाऊ या समस्याग्रस्त मिट्टी में भी खेती की संभावना शामिल है। ये पर्यावरण के अनुकूल होती हैं और पारंपरिक फसलों की तुलना में इनमें कीटों और रोगों का प्रकोप कम होता है, जिससे लागत कम होती है और लाभ बढ़ सकता है।