जमशेदपुर का पटमदा इलाका सर्दियों में फूलों की खेती के लिए जाना जाता है

    04-Dec-2025
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नई दिल्ली। जमशेदपुर का पटमदा इलाका सर्दियों में फूलों की खेती के लिए जाना जाता है। यहां के किसान लाल, पीला और गुलाबी गेंदा फूल की बेहतरीन वैरायटी उगाते हैं। पिछले साल यहां के 10 किसानों ने बंपर पैदावार ली थी। इस बार जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में लगातार हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खेत में लगाए फूलों के बीज बारिश में बह गए। कई किसानों ने खेती छोड़ने का मन बना लिया। कुमहीर और लोहा डीह गांव के दो किसान-गोराचंद गोराई और युधिष्ठिर महतो-ने भारी नुकसान के बाद भी हार नहीं मानी। गोराचंद गोराई विकलांग हैं और बैसाखी के सहारे चलते हैं, फिर भी उनका जज़्बा कम नहीं हुआ।

बारिश मेंलाखों का नुकसान

दोनों किसानों के बीज दो बार बारिश में बह गए, लाखों का नुकसान हुआ। फिर भी इन्होंने तीसरी बार गेंदा फूल की खेती की। कठिन परिश्रम और उम्मीद ने इन्हें फिर से खेत में खड़ा कर दिया।तीसरी बार की गई खेती ने इन किसानों को सफलता दिलाई। खेत अब गेंदा फूलों से भर चुके हैं। नुकसान अभी भी बड़ा है, लेकिन खुशियां उससे भी बड़ी हैं।किसानों के खेतों से हर दिन 2 से 3 क्विंटल गेंदा फूल तोड़े जा रहे हैं। इन्हें झारखंड, बिहार और बंगाल के कई शहरों में भेजा जाता है।

कम लागत में अधिक मुनाफा

किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा है और सरकारें भी इसे बढ़ावा दे रही हैं। झारखंड के पडोसी राज्य बिहार में सरकारें गेंदे की खेती के लिए सब्सिडी दे रही हैं, जबकि कई किसान पारंपरिक खेती के बजाय इसे अपनाकर आय बढ़ा रहे हैं। हालांकि, हाल ही में मौसम की मार और कम हो रहे दाम से कुछ किसानों को परेशानी भी हुई है, जिससे उन्हें बाजार में उचित मूल्य की मांग करनी पड़ी है।