पौधों के पोषण और विकास के लिए सही गमले का चुनाव है जरूरी

    06-Dec-2025
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नई दिल्ली।कंटेनर गार्डनिंग यानि गमलों में पौधे उगाने का कॉन्सेप्ट हमेशा से ही गार्डनिंग का शौक रखने वालों के बीच चर्चित रहा है। छोटे घरों में ग्राउंड बेड गार्डनिंग के मुताबिक जगह न होना इसका सबसे बड़ा कारण है। गमलों को जरूरत के हिसाब से एक से दूसरी जगह रखा जा सकता है, लेकिन पौधों के उचित पोषण और विकास के लिए सही गमले का चुनाव बेहद जरूरी है। विशेषज्ञों की मानें तो यह चुनाव मुख्य रूप से पौधे के प्रकार पर निर्भर करता है।

जब पौधा हो छोटा

जिन पौधों की जड़ें मिट्टी की सतह से 5-6 सेंटीमीटर नीचे तक ही जाती हैं, उनके लिए 6-8 सेमी. की गहराई वाला गमला ठीक रहता है। इन छोटी पौध में पुदीना, संजीवनी और मनी प्लांट जैसे पौधे आते हैं।

मध्यम आकार के पौधे

जिन पौधों की जड़े मिट्टी की सतह से 10-15 सेमी। नीचे तक जाती हैं, उन्हें 22 सेमीं व्यास और 22-25 सेमी. की गहराई वाली गमलों में लगाना ठीक रहता है। इन पौधों की जड़े ज्यादा नहीं फैलती। इस मध्यम आकार वाली श्रेणी में भिंडी, हरी मिर्च, बैंगन, टमाटर जैसे पौधे आते हैं।

स्क्रैप पॉट

घर की कई पुरानी चीज़ों को गमले के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे स्टील के पुराने बर्तन, प्लास्टिक मग या टब, वुडेन कार्टन, कोल्ड ड्रिंक की बोतलें, टॉय ट्रक जैसे खिलौने आदि। सबसे पहले इनमें पॉलिथीन बिछाएं। अब तीन भाग मिट्टी और एक भाग खाद मिलाकर डालें।

मिट्टी का गमला

मिट्टी का गमला पौधों के विकास के लिए सर्वोत्तम होता है, क्योंकि इसमें जड़ों को सही मात्रा में हवा मिल पाती है। अगर आपने मिट्टी से इतर किसी दूसरे वस्तु से बने गमलों में पौधे लगाएं हैं तो यह जरूर सुनिश्चित करें कि उनके बेस में छेद हो, जिससे एक्सट्रा पानी बाहर निकलता रहे।