
नई दिल्ली। किसानों को लाभ पहुचांने के मकसद से सरकार संसद में बीज विधेयक 2025 लाने की तैयारी में है। इस नया विधेयक का प्रमुख उदेश्य नकली बीजों के कारोबार पर रोक लगाना है। सरकार की ओर से इसे अंतिम रूप देने से पहले किसानों और कृषि-बागवानी विशेषज्ञों से राय और सुझाव मांगे है। इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन(INA) किसानों की भलाई के संदर्भ में आ रहे बीज विधेयक 2025 की सराहना की है। साथ ही इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन ने कुछ सुझाव भी दिए है। एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि विधेयक से सजावटी पौधों की नर्सरी को बाहर रखा जाए। भले सब्जी और फलों से जुड़ी नर्सरी को विधेयक में शामिल रखे, क्योंकि यह सीधे तौर पर किसानों से जुड़ी है। इंडियन नर्सरीमेन एसोशियसन के अध्यक्ष वाई.पी. सिंह ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी से मिलकर नर्सरी से जुडे किसानों का पक्ष रखा है। यदी सजावटी पौधों की नर्सरी को विधेयक से बाहर नहीं किया गया, तो देशभर में छोटी और अनऑर्गनाइज नर्सरियां बंद हो जाएगी। अकेले दिल्ली एनसीआर में 2000 से ज्यादा नर्सरी है।
सरल हो कानूनी प्रक्रिया
इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के सहारनपुर चैप्टर के अध्यक्ष मो. खालिद ने बीज विधयक पर सरकार से अनुरोध किया है कि कानून की प्रक्रिया सरल हो, ताकी आम नर्सरीमेन और किसान आसानी से नियमों का पालन कर सके। अधिकतर नर्सरी चला रहे किसान अशिक्षित या कम पढ़े लिखे है। उनके लिए दस्तावेजी प्रक्रिया आसान नहीं है। देश में बड़े पैमाने पर रोजगार देने के साथ पर्यावरण सुधार की दिशा में लगी छोटी और अनऑर्गनाइज नर्सरी को बचाने की जरुरत है। इस संदर्भ में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण, ग्रामिण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय राज्य मंत्री(स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी से मुलाकात का समय मांगा गया है।
पंजीकरण में कई कठिन प्रावधान
इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के उत्तर प्रदेश चैप्टर के अध्यक्ष रफीक खान ने कहा हैं कि बीज विधेयक 2025 के नियमों को पूरा करना छोटे और अनऑर्गनाइज नर्सरी किसानों के लिए आसान नहीं है। पौधों का स्टॉक मेंटेन करना मुश्किल है। खेती में स्टॉक इकट्ठा करना संभव नहीं है। प्राइस डिस्प्ले चुनौतीपूर्ण होगा। हर किसान की अपनी लागत और खर्च है। खरीदारों का डेटा एकत्र कर संभालना व्यवहारिक नहीं है। विधेयक में कहा जा रहा है कि प्लांट का ऑरिजन भी मेंटेन करना है। पौध कहां से लाए? उसके लिए क्या किया जा रहा है? प्रत्येक प्लांट का सोर्स मेंटेन करना आसान नहीं है। इंडियन नर्सरीमेन एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने वागपत के सांसद राजकुमार सांगवान से भी मुलाकात कर गुहार लगाई, की संसद में किसानों का पक्ष रखें।