
नई दिल्ली।एकीकृत बागवानी मिशन के तहत जिले में फलों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आम की बागवानी का क्षेत्र तेजी से विस्तार किया जा रहा है। इस वर्ष जिले में 10 हेक्टेयर निजी भूमि पर आम का बगीचा लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। खास बात यह है कि आम का बाग लगाने के इच्छुक किसानों को पौधे नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही पौधों की देखरेख के लिए सरकार की ओर से अनुदान भी दिया जाएगा। इस योजना का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सरकार का आदेश
सरकारी दिशा निर्देश के अनुसार कोई भी किसान न्यूनतम आठ कट्ठा से लेकर अधिकतम दो हेक्टेयर तक भूमि पर आम का बाग लगा सकता है। एक हेक्टेयर में पौधरोपण पर लगभग दो लाख रुपये का खर्च अनुमानित है, जिसमें सरकार 40 प्रतिशत यानी 80 हजार रुपये का अनुदान उपलब्ध कराएगी। अनुदान किसानों को दो किस्तों में दिया जाएगा—पहली किस्त 60 प्रतिशत (48,000 रुपये) और दूसरी किस्त 40 प्रतिशत (32,000 रुपये)। दूसरी किस्त तभी जारी की जाएगी जब लगाए गए कम से कम 80 प्रतिशत पौधे सुरक्षित पाए जाएंगे।
उद्यान विभाग करेगा चयन
उद्यान विभाग की ओर से चयनित किसानों को पांच उन्नत किस्मों—मालदह, बम्बइया, गुलाब खास, आम्रपाली और मल्लिका—के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रत्येक हेक्टेयर में 400 पौधे लगाए जाने की व्यवस्था है। पौधों की सरकारी दर के अनुसार लागत प्रथम किस्त में से काट ली जाएगी,जबकि शेष राशि किसान के खाते में भेजी जाएगी ताकि वे सिंचाई, खाद, सुरक्षा जाल और अन्य देखभाल संबंधी कार्य कर सकें।
ऑनलाइन होगा आवेदन
योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ एलपीसी या जमीन की रसीद, पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और बैंक पासबुक की प्रति अनिवार्य रूप से अपलोड करनी होगी।