
नई दिल्ली।दिल्ली में इस सर्दियों के सीजन की शुरुआत से ही एक भी दिन बारिश नहीं हुई है। इसके बावजूद इस बार पॉल्यूशन का स्तर नवंबर और अब दिसंबर तक भी तुलनात्मक रूप से कम दर्ज किया गया है। एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार पल्यूशन के हालात पिछले कई सालों से अलग रहे। कम बारिश, दिवाली का जल्दी होना, पराली के मामलों में कमी और मिस्ट स्प्रे व क्लाउड सीडिंग जैसे प्रयोगों ने इस सीजन को साफ रखने में मदद की।
प्रदूषण को कम करने में बारिश अहम
आम तौर पर सर्दियों की बारिश दिल्ली में पॉल्यूशन को कम करने में बड़ा रोल निभाती है लेकिन इस बार अक्टूबर के आखिरी 15 दिन, पूरा नवंबर और अब तक का दिसंबर बारिश के लिहाज से बिल्कुल सूखा रहा है। इसके बावजूद अक्टूबर और नवंबर में पल्यूशन पिछले सालों की तुलना में कम दर्ज किया गया और दिसंबर की शुरुआत भी कुछ यही संकेत दे रही है।
एक्यूआई डाटा को लेकर रहा विवाद
सीएसई की अनुमिता रायचौधरी ने कहा कि इस साल एक्यूआई डेटा को लेकर विवाद रहा है, लोगों ने इस बात पर सवाल उठाए हैं लेकिन मौसम की बात करें तो दिवाली इस बार जल्दी आने की वजह से हवा और तापमान साथ दे रहे थे। इसके बाद लगातार वेस्टर्न डिस्टरबेंस कमजोर रूप में आता रहा और हवाओं की रफ्तार बनी रही।