
नई दिल्ली। आप मॉर्डन फॉर्मिंग से जुड़कर अच्छी कमाई कर सकते हैं। मॉर्डन फार्मिंग का मतलब है खेती में होने वाले नवाचारों को अपनाना, अनाजों की खेती के साथ बागवानी फसलों और नकदी फसलों को बढ़ावा देना, खेती के क्षेत्र में नई तकनीक और टेक्नोलॉजी को अपनाना। आधुनिक खेती करने वाले किसान ना सिर्फ अधिक पैदावार प्राप्त कर रहे हैं बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति में भी काफी हद तक सुधार देखने को मिला है। आज आपको आधुनिक खेती में खास पॉलीहाउस तकनीक के बारे में बताने जा रहे हैं।
पॉलीहाउस के फायदे
पॉलीहाउस खेती का आधुनिक तरीका है। इसे बनाने के लिए यह लोहे, जीआई पाइप या बांस से एक स्ट्रक्चर बनाया जाता है और उसके ऊपर से पारदर्शी प्लास्टिक शीट लगाई जाती है। पारदर्शी प्लास्टिक इसलिए ताकि सूरज की रोशनी भीतर तक आराम से पहुंच सके. पॉलीहाउस तकनीक को सुरक्षित खेती माना जाता है। इसके भीतर फसल उगाने पर, फसल की कीट, रोग, बेमौसम बारिश, अधिक धूप, ठंडी हवाओं और अधिक पानी से सुरक्षा होती है।
पॉलीहाउस में उगने वाले फसल
पॉलीहाउस में खेती करने वाले लोग जान लें कि इसके भीतर धान, गेहूं, ज्वार और बाजरे जैसी फसलें नहीं उगाई जाती हैं। पॉलीहाउस का इस्तेमाल नकदी, बागवानी फसलों के लिए होता है। यहां शॉर्ट टर्म वाली फसलें उगाएं। फायदेमंद फसलों की बात करें तो यहां गुलाब, जेरबेरा, कार्नेशन, ग्लैडिओलस जैसे फूल लगाए जाते हैं।सब्जियों की बात करें तो माटर, खीरा, शिमला मिर्च, बैंगन जैसी सब्जियां उगाई जाती हैं।
पॉलीहाउस के लिए जरूरी जानकारी
पॉलीहाउस ऐसी जगह पर बनाएं जहां धूप आती रहनी चाहिए।
पर्याप्त हवा के आने-जाने की व्यवस्था रखें।
खेती से पहले ड्रिप इरिगेशन तकनीक का सेटअप भी जरूरी है।
जहां पॉलीहाउस बनाने जा रहे हैं वहां पानी की व्यवस्था कराना भी जरूरी है।