बागवानों-किसानों और वैज्ञानिकों बीच हुआ संवाद, समस्याओं का समाधान मिला

12 Oct 2025 13:35:00


नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान पूसा, नई दिल्ली से प्रधानमंत्री डिजिटल कृषि योजना, दलहन मिशन तथा अन्य प्रमुख कृषि योजनाओं पर आधारित लाइव टेलीकास्ट प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर स्थानीय किसान, स्थानीय बागवान, एवं कृषि-बागावानी विषय के छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. धर्मिंदर कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. केहर सिंह ठाकुर, विषय विशेषज्ञ डॉ, विकास कपूर तथा वैज्ञानिक डॉ. नेहा धीमान के नेतृत्व में किया गया। डॉ. धर्मिंदर कुमार ने कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी। डॉ. विकास कपूर ने कृषि की विभिन्न सरकारी योजनाओं का विस्तार से जानकारी दी। इस कार्यक्रम में 10 गांवों के 210 किसानों और बागवानों ने भाग लिया।

विशेषज्ञों ने कीवी के बगानों का भ्रमण किया

इस अवसर पर विषय विशेषज्ञों ने किसानों से संवाद किया। इसके साथ कृषि वैज्ञानिकों ने कृषि बागवानी में आ रही समस्या पर बल दिया। जिसमें कीवी फल की बागवानी में आ रही समस्या और विपणन समस्या एवं मक्का में फॉल आर्मी वर्म नियंत्रण के उपायों पर चर्चा की गई। तीसरे सत्र में प्राकृतिक खेती के तरीकों जैसे जीवामृत एवं घन जीवामृत का प्रदर्शन किया गया। अंतिम सत्र में प्रतिभागियों ने कीवी के बागानों का भ्रमण किया, और उन्नत कृषि विधियों को प्रत्यक्ष रूप से देखा। हिमाचल प्रदेश में फलों की बागवानी बहुत ज़्यादा होती है और इसे 'सेब का राज्य' भी कहा जाता है। यहाँ मुख्य रूप से सेब, कीवी,  नाशपाती, आड़ू, बेर, खुबानी, आम, लीची और अमरूद जैसे फल उगाए जाते हैं। पहाड़ी हवा से भरपूर, भारत के उत्तर में स्थित हिमाचल प्रदेश, देश की "सेब टोकरी" के नाम से मशहूर है।

 

 

 

 

 

 

 


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