सेब की बंपर होगी पैदावार, 12,000 फीट ऊंचाई पर सफल हुआ हाई डेंसिटी मॉडल

15 Oct 2025 14:22:07


नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले की ठंडी मरुस्थलीय हंगरंग घाटी में सेब दिवस 2.0 का आयोजन किया गया। यह आयोजन डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कृषि विज्ञान केंद्र,किन्नौर और क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र,शार्बो के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।

 सेब की प्रीमियम किस्में

वर्ष 2021 में जनजातीय उप-योजना परियोजना के अंतर्गत स्थापित हाई ऐल्टिट्यूड प्रदर्शन बगीचे में सुपर चीफ, स्कारलेट स्पर, रेड वेलोक्स, ऑर्गन स्पर-II और गाला वैल जैसी दस प्रीमियम किस्मों का सफल उत्पादन हो रहा है। यह मॉडल बगीचा अब उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उच्च घनत्व बागवानी की संभावना का सशक्त उदाहरण बन चुका है।

प्राकृतिक खेती का मिल रहा है बढ़ावा

इस अवसर पर डॉ. प्रमोद शर्मा ने बताया कि प्राकृतिक खेती और सीड्लिंग रूटस्टॉक आधारित उच्च घनत्व रोपण प्रणाली हिमालयी क्षेत्रों की स्थायित्वपूर्ण खेती के लिए अनिवार्य बनती जा रही है। उन्होंने प्रकृति-आधारित समाधान, बहुस्तरीय फसल प्रणाली और फसल विविधीकरण पर भी जोर दिया।

सरकारी योजनाओं में किसानों की भागीदारी

विषय विशेषज्ञ देव राज कैथ ने किसानों को फसल बीमा, सब्सिडी और जैविक कीट प्रबंधन पर जानकारी दी। आत्मा परियोजना के जय कुमार ने बताया कि किन्नौर के छह गांवोंनाको, चांगो, रिब्बा, आसरंग, थांगी और कानम को प्राकृतिक खेती क्लस्टर के रूप में विकसित किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 


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