
नई दिल्ली। साल 2025 के पहले नौ महीनों में फलों की कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है, जिससे घर का राशन खर्च बढ़ गया है। इस दौरान फलों की महंगाई औसतन 13.2 फीसदी रही, जो पिछले पांच सालों में सबसे ज्यादा है। हालांकि, 2024 में फलों की महंगाई 5.9 फीसदी थी, जबकि 2023 में सिर्फ 3.9 फीसदी थी। यानी इस साल इसमें जबरदस्त उछाल आया है। हालांकि, दूसरी तरफ सब्जियों और दालों की कीमतों में कुछ राहत देखने को मिली। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच सब्जियों के दाम औसतन 10.9 फीसदी तक गिरे, जबकि पिछले साल इसी समय ये 24.9 फीसदी तक बढ़े थे। कुल मिलाकर खुदरा महंगाई भी घटी है, जो पिछले साल 4.7 फीसदी थी, वो अब घटकर 2.7 फीसदी रह गई है।
कई राज्यों में फसलों को नुकसान
आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र में भारी बारिश और बाढ़ ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया, जिससे फलों की सप्लाई पर असर पड़ा है। भारतीय केला उत्पादक संघ के अध्यक्ष बीवी पाटिल का कहना है कि इस साल ज्यादा बारिश की वजह से केले की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा, एक और बड़े केला उत्पादक राज्य बिहार के कई किसानों ने अब केला छोड़कर मक्का उगाना शुरू कर दिया है, क्योंकि मक्का एथनॉल बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में अच्छे दाम देता है।
सेब की कीमत में बढ़ोतरी
सेब की कीमतों में भी तेज बढ़ोतरी देखी गई। 2025 में औसतन 12.2 फीसदी महंगाई दर्ज हुई, जबकि 2024 में यह 10 फीसदी थी। इसकी बड़ी वजह जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में आई बाढ़ रही, जिसने सप्लाई चेन को बाधित कर दिया। अन्य ताजे फलों जैसे लीची, नाशपाती, सिंघाड़ा और जामुन में भी इस साल औसतन 13.9 फीसदी महंगाई देखी गई, जबकि पिछले साल ये दर 6.5 फीसदी थी।