जाने क्या हैं राजधानी एनसीआर में प्रदूषण के 5 प्रमुख कारण

20 Oct 2025 18:29:48



दिल्ली-एनसीआर की हवा इस समय लोगों के लिए एक बड़ा डर बन गई है।ठंड के मौसम में शहर में घना स्मॉग और जहरीली धुंध छा गई है। नई दिल्ली। आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में तकलीफ, ये रोजमर्रा की कहानी बन गई है। हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भी चेताया कि एयर क्वालिटी इंडेक्स अब बहुत खराबश्रेणी में पहुंच चुका है। हर साल इस समय, राजधानी की हवा जहरीली गैसों, धूल और धुएं से भर जाती है। यह सिर्फ दृश्य को धुंधला नहीं करती, बल्कि फेफड़े, दिल और नाक-गले की बीमारियों का कारण भी बनती है।

पड़ोसी राज्यों में फसल जलाना

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को जलाते हैं। यह आसान उपाय लगता है, लेकिन इसके धुएं में हानिकारक कण होते हैं जो हवा में मिलकर सीधे दिल्ली पहुंच जाते हैं। एक दिन का धुआं ही शहर के एयर क्वालिटी इंडेक्स को बहुत खराब श्रेणी में धकेल सकता है।

ठंडी और स्थिर हवा

ठंड के मौसम में हवा जमी रहती है और प्रदूषक कण जमीन के पास फंस जाते हैं। हवा में घुलने की जगह नहीं होने के कारण स्मॉग बढ़ता है। यही वजह है कि अक्टूबर से जनवरी तक में दिल्ली की हवा सबसे जहरीली महसूस होती है।

सड़क पर ट्रैफिक जाम और वाहन उत्सर्जन

दिल्ली की सड़कों पर हर रोज हजारों वाहन चलते हैं. पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहन हवा में हानिकारक गैसें छोड़ते हैं. पर्याप्त पब्लिक ट्रांसपोर्ट न होने के कारण लोग निजी वाहनों पर निर्भर हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण दोनों बढ़ जाते हैं.

त्योहारों में पटाखों का धुआं

दिवाली और अन्य त्योहारों में पटाखों से निकलने वाला धुआं हवा की गुणवत्ता को और बिगाड़ देता है. सल्फर डाइऑक्साइड और हानिकारक पार्टिकल्स हवा में घुलकर सांस लेने वाले लोगों के लिए खतरा बन जाते हैं।

निर्माण कार्य और धूल

दिल्ली में तेजी से चल रहे निर्माण कार्य भी प्रदूषण में इजाफा करते हैं। बड़े बिल्डिंग साइट्स और सड़क निर्माण के कारण धूल हवा में उड़ती है, जिससे सांस लेने में परेशानी बढ़ती है और शहर के लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित होता है।

 


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