
नई दिल्ली। आज के बदलते समय में किसान अब परंपरागत खेती छोड़कर नर्सरी की ओर बढ़ रहे हैं। नर्सरी बिजनेस में किसान सब्जियों और फलों के पौधे तैयार करते हैं और साल भर इन्हें बाजार में बेचकर अच्छी आय कमाते हैं। इससे न केवल उनकी आय बढ़ रही है, बल्कि वे खेती के पुराने तरीकों से अलग होकर नए रास्ते अपना रहे हैं। बिहार के किसान काफी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। किसान लीची, मखाना, सिंघारा और लौकी की खेती में भारत में बिहार नंबर वन है।
नर्सरी बिजनेस से सब्जियों की उत्पादन में बढ़ोतरी
बिहार के सीतामढ़ी जिले के उद्यान वैज्ञानिकों का कहना है कि सही तरीके से नर्सरी तैयार करने से किसान साल भर सब्जियों के पौधे उगा सकते हैं। टमाटर, फूलगोभी, शिमला मिर्च जैसे कई सब्जियों के पौध तैयार करके किसान बाजार में बेच रहे हैं। इससे उन्हें फसलों की तुलना में ज्यादा लाभ मिल रहा है। पाली हाउस और ग्रीन हाउस जैसी आधुनिक तकनीकें अपनाने से पौधों की गुणवत्ता अच्छी हो रही है और समय से पहले पौध बाजार में बेचकर किसानों की आमदनी बढ़ रही है।
फलों की नर्सरी से भी कमाई
केवल सब्जियों तक ही सीमित नहीं, बल्कि सीतामढ़ी के किसान फलों के पौधे भी तैयार कर रहे हैं। आम, अमरूद, लीची, नींबू, और पपीता जैसे फलों के कलमी पौधे उगाकर वे लाखों रुपये कमा रहे हैं। कई युवा किसान नर्सरी व्यवसाय में उतरकर नई मिसाल कायम कर रहे हैं। वे पारंपरिक खेती छोड़कर नर्सरी व्यवसाय में नए तरीके अपना रहे हैं, जिससे उनकी आमदनी दोगुनी हो रही है।