रबी सीजन में यह सुपर फूड उगाएं, कम समय में बंपर कमाई करें

24 Oct 2025 06:56:07



नई दिल्ली। आज के बदलते समय में किसान और बागवान परंम्परागत खेती को छोड़कर बागवानी कृषि पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। अगर आप भी अपने जीवन को सुचारु रूप से चलाना चाहते है तो आज अमेरीकन फल क्विनोआ की बागवानी कर सकते है। आपको बता दें कि यह फल मूल रूप से दक्षिण अमेरिका के एंडीज पर्वतों में उगने वाली यह फसल, आज अपने खास पोषण मूल्य के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गई है। बेहतर दाम मिलने के कारण भारत के भी किसान-बागवान क्विनोआ की खेती करने लगे है। क्विनोआ महज 120 से 140 दिनों में, अच्छी उपज और आय बनने की क्षमता रखता है। क्विनोआ को सुपरफूड कहने के पीछे ठोस वैज्ञानिक कारण हैं। यह पोषण का एक खजाना है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक 'संपूर्ण प्रोटीन' स्रोत है। यह शाकाहारी लोगों के लिए प्रोटीन का एक बेहतर विकल्प है। इसके अलावा, क्विनोआ पूरी तरह से ग्लूटेन-मुक्त होता है। इस तरह पोषण का 'पावरहाउस' है।

सूखा-पाला सहने वाली 'सुपर' फसल

किसान अक्सर पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं और चावल पर ही निर्भर रहते हैं. इन फसलों में पानी की खपत अधिक होती है और कभी-कभी बाजार में सही मूल्य भी नहीं मिल पाता। ऐसे में, क्विनोआ जैसी फसल एक बेहतरीन विकल्प बनकर उभर रही है। क्विनोआ की फसल की सबसे अच्छी बात यह है कि यह कम पानी और कम देखभाल में भी अच्छी उपज दे सकती है।

क्विनोआ की टॉप किस्में और इनकी खासियत

बाजार में मुख्य रूप से तीन प्रकार का क्विनोआ मिलता है, यह सफेद, लाल और काला सफेद क्विनोआ सबसे आम है, जिसका स्वाद हल्का होता है और यह पकने के बाद नरम हो जाता है। लाल क्विनोआ पकाने के बाद भी अपना लाल रंग और कुरकुरापन बनाए रखता है, जो इसे सलाद के लिए बहुत उपयुक्त बनाता है। वहीं, काले क्विनोआ का स्वाद थोड़ा मीठा होता है और यह भी पकने पर अपना गहरा रंग और कुरकुरापन बरकरार रखता है।

भारत में दो उन्नत किस्म विकसित

इनके अलावा, भारतीय जलवायु के लिए विशेष रूप से दो उन्नत किस्में भी विकसित की गई है। 'हिम शक्ति', जो उच्च उत्पादकता वाली और पोषक तत्वों से भरपूर है, और 'टिटिकाका', जो जल्दी पकने वाली और अधिक उपज देने वाली किस्म है, जिसके दाने छोटे लेकिन घने होते हैं।

 


Powered By Sangraha 9.0