
नई दिल्ली। हरियाणा के फतेहाबाद जिले के दैय्यार गांव के युवा किसान सुनील कुमार बरड़वाल ने, जिन्होंने अपनी रेतीली ज़मीन पर ड्रैगन फ्रूट उगाकर इस कहावत को हकीकत में बदल दिया है। यह उपलब्धि के बाद किसान सुनील पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गई हैं। दरअसल, सुनील कुमार ने गेहूं, सरसों और कपास जैसी पारंपरिक फसलों से हटकर अपनी 2 एकड़ रेतीली जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती करने का फैसला किया, जिसके बाद आज वो इससे लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।
केरल से प्रशिक्षण लेकर शुरू की खेती
सुनील कुमार ने ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू कि तब गांव वालों को शक था। उन्होंने सवाल किया कि रेत में एक उष्णकटिबंधीय फल कैसे उग सकता है। लेकिन उन्होंने निश्चय किया कि इसकी खेती करके रहेंगे, उसके लिए पहले वो केरल गए, जहां ड्रैगन फ्रूट की खेती अच्छी तरह से विकसित है और वहां उन्होंने पेशेवर प्रशिक्षण लिया। नए ज्ञान और तकनीकों से लैस होकर, उन्होंने अपना प्रयोग शुरू किया और अपनी बंजर जमीन को एक फलते-फूलते खेत में बदल दिया।
ड्रैगन फ्रूट से हो रही लाखों की कमाई
आज सुनील के खेत चमकीले, पके हुए ड्रैगन फ्रूट्स से लदे पौधों से भरे हैं। इस फसल से न सिर्फ़ उन्हें लाखों की कमाई हो रही है, बल्कि उनका खेत एक प्रशिक्षण केंद्र में भी बदल गया है, जिसके बाद आस-पास के गांवों के किसान अब आधुनिक खेती के तरीके सीखने के लिए उनके पास आते हैं। सुनील उन्हें सिंचाई, जैविक खाद और खरीद की रणनीतियों के बारे में व्यक्तिगत रूप से मार्गदर्शन करते हैं।