
नई दिल्ली। श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से घाटी के बाहर के बाजारों में फलों से लदे ट्रकों की आवाजाही बाधित हो गई। ऐसे में दक्षिण कश्मीर में कोल्ड स्टोरेज सुविधाएं सेब उत्पादकों के लिए जीवन रेखा बन गई हैं। भूस्खलन और खराब मौसम के कारण हुई अस्थायी नाकेबंदी ने बागवानों के बीच गंभीर चिंता पैदा कर दी है, क्योंकि सेब जल्दी खराब होते हैं और इनकी ताजगी और बाजार मूल्य बनाए रखने के लिए समय पर परिवहन की जरूरत होती है।
कोल्ड स्टोरेज बागवानों के लिए वरदान
पुलवामा सेब बागवानों के अनुसार कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क ने राजमार्ग व्यवधान के कारण होने वाले नुकसान को कम करने में मदद की है। उन्होंने एएनआई को बताया कि हाल ही में हाइवे बंद होने से हमारे फल उद्योग पर गंभीर प्रभाव पड़ा, लेकिन कोल्ड स्टोरेज हमारे लिए वरदान साबित हुआ। इसके बिना, हमारा नुकसान बहुत अधिक होता। पहले, लकड़ी के सेब के बक्से की कीमत लगभग 100-200 रुपये थी, लेकिन अगर उपज को ठीक से संरक्षित नहीं किया जाता, तो वह भी बर्बाद हो जाती।
सुविधानुसार बेच सकते हैं उपज
पुलवामा के मुख्य बागवानी अधिकारी, रियाज अहमद शाह के अनुसार कोल्ड स्टोरेज बुनियादी ढांचा और बागवानी क्षेत्र की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोल्ड स्टोरेज नेटवर्क नुकसान को कम करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। पुलवामा में भंडारण क्षमता मज़बूत है, जिससे फल सड़ते या खराब नहीं होते। जब बाज़ार में भारी मात्रा में फल आते हैं, तो कीमतें गिर जाती हैं। इससे किसानों का लाभ मार्जिन कम हो जाता है। लेकिन कोल्ड स्टोरेज के साथ, वे अपनी सुविधानुसार अपनी उपज बेच सकते हैं और राजमार्गों पर व्यवधान की चिंता किए बिना उसे परिवहन कर सकते हैं।