
नई दिल्ली।बीएचयू के वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र सिंह और सौम्यदीप राजवर, साहाना खातून, पूजा कुमारी और संजय यादव ने मिलकर शोध किया है। मार्कस्टैडलेरा वंश का नाम जर्मनी के प्रख्यात माइकोलॉजिस्ट प्रोफेसर डॉ. मार्क स्टैडलरी के सम्मान में रखा गया है। प्रोफेसर स्टैडलर औद्योगिक सूक्ष्म जीव विज्ञान, कवक विज्ञान और प्राकृतिक उत्पाद रसायन के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अग्रणी विशेषज्ञ माने जाते हैं।
पीएम मोदी ने लगाया था यह पौधा
डॉ. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि मार्कस्टैडलेरा वंश सिंदूरी पौधों पर पाया गया रोग है। ये वही पौधा है जिसे हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर अपने आवास पर लगाया था। यह पौधा उन्हें गुजरात के कच्छ की वीर माताओं और बहनों ने भेंट किया था। जिन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में असाधारण साहस और देशभक्ति का परिचय दिया था। डॉ. सिंह ने कहा कि कवकों की असंख्य प्रजातियां एंटीबायोटिक्स, एंजाइम्स और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे बहुमूल्य मेटाबोलाइट्स उत्पन्न करती हैं, जिनका उपयोग इलाज, कृषि और जैव प्रौद्योगिकी में किया जा सकता है।