
नई दिल्ली।भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के पूर्वी गुंडी पंचायत के सरैया-केशोपुर पथ पर स्थित किसान नर्सरी युवाओं के लिए प्रेरणा से कम नहीं है। इसी गांव के अभय शंकर पाठक ने 2018 में साइंस से ग्रेजुएशन के बाद इस नर्सरी की शुरुआत की थी, उन्होंने अपने दादाजी से प्रेरणा लेकर पौधों का कारोबार शुरू कर दिया। शुरुआत में 70 से 80 हजार रुपए की लागत से नर्सरी शुरू की गई थी।
एक साल में 20 लाख की कमाई
अब 2024-25 में नर्सरी से 20 लाख रुपए की पौधों की खरीद-बिक्री हो रही है। सिर्फ 18 कठ्ठा जमीन पर बनी इस नर्सरी से लाखों का मुनाफा होता है, जो खेती से संभव नहीं है। बड़हरा, शाहपुर, बिहिया, आरा और कोईलवर के किसान यहां से पौधे खरीदते हैं। सासाराम, संजौली, रामपुर, मिल्की, नैनीजोर, कर्जा, बेलवनिया और बबुरा जैसे गांवों से भी किसान यहां आते हैं। यहां फलदार, फूलदार और इमारती लकड़ी के भी पौधे मिलते हैं।
इन प्रजातियों के पौधे हैं यहां उपलब्ध
नर्सरी के लिए पौधे हाजीपुर, कोलकाता, पुणे और बनारस से मंगाए जाते हैं। अभय के पिता खुद भी पौधे तैयार करते हैं। बीजारोपण कर फलदार, फूलदार और इमारती पौधे उगाते हैं। आम की कस्तूरी, ब्लैक मैंगो, मियांजाकी, दूधिया मालदह, अल्फांसो, स्वर्णरखा, हेमसागर, कृष्णभोग, कलकतिया लंगड़ा, दशहरी, चौसा, सिपीया और फाजूली जैसी प्रजातियां यहां उपलब्ध हैं।