पराली जलाने के केसों से भड़के पंजाब के किसान, बोले मजबूरी में जलाते हैं पराली

31 Oct 2025 13:45:39



नई दिल्ली। पंजाब भर के किसान धान की पराली जलाने के आरोप में अपने खिलाफ पुलिस केस दर्ज होने सेगुस्से में हैं। वे इस कार्रवाई को "गलत तरीके से निशाना बनाना" बता रहे हैं और कह रहे हैं कि यह काम मजबूरी में किया जा रहा है, न कि अपनी मर्जी से। कई किसान संगठनों ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि अगर ये केस तुरंत वापस नहीं लिए गए तो बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले 30 से ज्यादा किसान और खेत मजदूर यूनियनों ने अपनी मांगों के समर्थन में 4 नवंबर को राज्य भर के डिप्टी कमिश्नरों को ज्ञापन सौंपने और प्रदर्शन करने की योजना बनाई है।

किसान संगठनों विरोध जताया

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव और SKM के सदस्य जगमोहन सिंह ने कहा, “किसानों को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। हम अपना गुस्सा जाहिर करने के लिए पंजाब में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे। हमारी मुख्य मांग है कि पराली जलाने के आरोप में किसानों के खिलाफ दर्ज पुलिस केस तुरंत वापस लिए जाएं।

मशीनरी की कमी

किसान संगठनों के अनुसार, किसानों ने पहले ही अपनी धान की फसल काट ली है और पराली के गट्ठे बना लिए हैं, लेकिन उन्हें हटाने के लिए जरूरी मशीनरी की कमी के कारण ये गट्ठे कई दिनों से पड़े हुए हैं। ऐसी स्थिति में एक किसान क्या करे? अगली बुवाई के लिए खेत साफ करने का कोई और सही विकल्प न होने के कारण, किसानों को मजबूरी में पराली जलानी पड़ रही है, न कि अपनी मर्जी से। सरकार को बिना किसी देरी के ये केस वापस लेने चाहिए।किसान मजदूर मोर्चा ने सरकार से किसानों को सजा देने से पहले सही विकल्प देने का आग्रह किया है।

 

 

 


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