इन दो चीजों की खेती से किसान हो जाएंगे मालामाल, एकीकृत बागवानी मिशन के तहत मिल रही हैं मदद

08 Oct 2025 11:46:48



नई दिल्ली। मऊ जिले में पहली बार शासन की ओर से मखाना व सिंघाड़ा की खेती कराने का निर्णय लिया गया है। एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना के तहत खेती करने वाले किसानों को अनुदान मिलेगा और खेती करने वाला किसान खुशहाल होगा। इसके लिए 10-10 हेक्टेयर का लक्ष्य शासन की तरफ से निर्धारित किया गया है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसानों का चयन किया जाएगा। इसके आवदेन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिले के रतनपुरा मे गाढ़ा ताल, मधुबन में ताल रतोय, घोसी में पकड़ी ताल, कोपागंज में पीवा ताल है। यह ताल काफी क्षेत्रों में फैला है। यह ताल ठंड के दिनों में विदेशी साइबेरियन पक्षियों से गुलजार रहते हैं। इसके तट पर मछुआरा प्रजाति के लोग निवास करते हैं। इनके रोजगार का मुख्य संसाधन मछली पकड़ना व कवलगट्टा है।

प्रति हेक्टेयर 40 हजार अनुदान

बागवानों के जीवन स्तर सुधारने के लिए सरकार द्वारा पहल की जा रही है। अब तालाब व पोखरों में मखाना व सिंघाड़ा की खेती करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत मखाना की खेती के लिए 10 हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रति हेक्टेयर आवेदक को 40 हजार रुपये अनुदान मिलेगा। इसी प्रकार सिंघाड़ा की खेती के लिए सामान्य वर्ग के लिए सात हेक्टेयर व अनुसूचित जाति के लिए तीन हेक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें प्रति हेक्टेयर 30 हजार रुपये अनुदान की घोषणा की गई है। वरिष्ठ उद्यान निरीक्षक अरुण यादव के अनुसार मखाना की खेती जलजमाव वाले क्षेत्र में अन्य फसलों की भांति होती है। इसमें 30 से 90 किलोग्राम स्वस्थ मखाना के बीज को तालाब में दिसंबर के महीने हाथों से छींटते हैं। बीज को लगाने 35 से 40 दिन बाद पानी के अंदर बीज का उगना शुरू हो जाता है।

 

 

 


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