उत्तर प्रदेश में पराली जलाने पर होगी सख्ती, डिजिटल क्रॉप सर्वे को लेकर सरकार ने दिया निर्देश

09 Oct 2025 17:42:38


नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा के बाद उत्तर प्रदेश सरकार पराली जलाने की घटना को लेकर सख्त कदम उठा रही है। राज्य के मुख्य सचिव एसपी गोयल ने कहा कि पराली एवं फसल अपशिष्ट जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं की सेटेलाइट के माध्यम से निगरानी की जा रही है।उन्होंने जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से इस संवेदनशील मुद्दे पर ध्यान देने और संबंधित विभागों के साथ समन्वय कर ऐसी घटनाएं रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।

किसानों को जागरूक करने का प्लान

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव गोयल ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि उनके क्षेत्र में ऐसी घटनाएं न हों। किसानों को पराली प्रबंधन के लिए वैकल्पिक उपायों के प्रति जागरूक किया जाए। साथ ही संवेदनशील जिलों में विशेष सतर्कता बरती जाए। उन्होंने यह भी कहा कि जिलाधिकारियों और अन्य अधिकारियों को समय-समय पर भ्रमण कर जायजा भी लिया जाए।

पराली जलाने से पर्यावरण को भारी नुकसान

पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता कम होती है, हानिकारक पोषक तत्वों का नुकसान होता है, और मिट्टी की नमी और लाभकारी सूक्ष्मजीव नष्ट हो जाते हैं। साथ ही, यह वायु प्रदूषण बढ़ाता है, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियां, अस्थमा और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। पराली जलाने से ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं, जो जलवायु परिवर्तन में योगदान करती हैं, और आग फैलने का जोखिम होता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 


Powered By Sangraha 9.0