
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में बागवानी अब केवल मात्र खेती कार्य तक सीमित नहीं, बल्कि ग्रामीण समृद्धि और आर्थिक विकास का सशक्त माध्यम बन गई है। राज्य सरकार बागवानी क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए सशक्त प्रयास कर रही है, जिसके सुपरिणाम अब धरातल पर नजर आने लगे हैं। सरकार की महत्वाकांक्षी 'एचपी शिवा' (हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्यवर्द्धन) परियोजना इसमें सहायक बनी है। प्रदेश के मंडी जिले के सरकाघाट उपमंडल का गध्यानी क्लस्टर आज एचपी शिवा परियोजना की सफलता का उत्कृष्ट उदाहरण बन कर उभरा है। यह क्लस्टर बागवानी के जरिए किसानों की तकदीर बदलने की कहानी बयां कर रहा है। वर्तमान में, लगभग 1.2 हैक्टेयर भूमि पर स्थापित इस बगीचे में उन्नत किस्म के अमरूद की फसल लहलहा रही है।
आय में वृद्धि से किसान उत्साहित
परियोजना से जुड़े किसान अपनी आय में हुई वृद्धि से बेहद उत्साहित हैं। लाभार्थी हेम राज ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने लगभग 60 से 70 हजार रुपये कमाए, लेकिन इस वर्ष बाजार में अमरूद की कीमत 65 से 70 रुपये प्रति किलो है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी आमदनी लगभग एक से डेढ़ लाख रुपये तक हो जाएगी।
आय में हुई वृद्धि से बेहद उत्साहित
परियोजना से जुड़े किसान अपनी आय में हुई वृद्धि से बेहद उत्साहित हैं। लाभार्थिओं ने बताया कि पिछले वर्ष उन्होंने लगभग 60 से 70 हजार रुपये कमाए, लेकिन इस वर्ष बाजार में अमरूद की कीमत 65 से 70 रुपये प्रति किलो है। अमरूद की यह प्रजाति बहुत ही उम्दा और मीठी है, जिससे उन्हें बाजार में अच्छे दाम मिलने का पूरा भरोसा है। लोग बागीचे में आकर ही अमरूद खरीद रहे हैं।