राजस्थान की तपती गर्मी में भी फल फूल रहे हैं सेब के बाग

17 Nov 2025 17:25:23


नई दिल्ली।परंपरागत रूप से सेब के पेड़ जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी राज्यों में पाये जाते हैं, जहां की जलवायु ठंडी होती है लेकिन इसके फल अब सबसे अप्रत्याशित जगह राजस्थान में भी आ रहे हैं। आम तौर पर अपने तपते थार और झुलसा देने वाली गर्मी के लिए जाने जाने वाला राजस्थान में अब अनेक जगह सेब के बाग दिखने लगे हैं। विशेष रूप से सीकर और झुंझुनू जिले में सेब के बाग हैं।

एक सीजन में 6,000 सेब की उपज

सीकर के बेरी गांव की किसान संतोष खेदड़ ने कभी नहीं सोचा था कि 2015 में गुजरात में राष्ट्रीय नवाचार फाउंडेशन से उन्हें मिला सेब का एक पौधा उनके खेतों की दशा व दिशा ही बदल देगा। आज उनके बाग से हर मौसम में 6,000 किलोग्राम से अधिक सेब की उपज हो रही है। यह 'सेब' के बागों के लिए प्रतिकूल मानी जानी वाली राज्य की परिस्थितियों के मद्देनजर बड़ी बात कही जा सकती है।

गर्मी के बाद भी बागवानी की दायरा बढ़ी

राजस्थान राज्य के बाकी हिस्सों में भी भारी भीषण गर्मी पड़ती है, और तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। हालांकि इसके बावजूद संतोष ने जोखिम उठाने का दृढ़ निश्चय किया और अपनी योजना पर आगे बढ़ा दी। बागवानी के विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक बड़े बदलाव की शुरुआत है. कि राजस्थान में बागवान सेब के साथ-साथ खजूर और अनार उगाना शुरू किए है। चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में भी स्ट्रॉबेरी की खेती हो रही है। पूरे राज्य के और इलाकों में भी सेब की खेती शुरू हो सकती है।

 

 

 


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