नकली बीज बेचने वालों की खैर नहीं, आएगा नया 'सीड बिल 2025, केंद्र सरकार ने किसानों से मांगा सुझाव

19 Nov 2025 11:54:37



नई दिल्ली। देश में बीजों की गुणवत्ता, पारदर्शिता और किसानों के अधिकारों को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी। अब केंद्र सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए बीज मसौदा विधेयक 2025 पर जनता और इससे जुडे हुए लोगों से सुझाव मांगे है। यह नया विधेयक किसानों, बीज कंपनियों, आपूर्तिकर्ताओं, लाइसेंसधारकों और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को प्रभावित करेगा। मसौदा फिलहाल कृषि मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है और कोई भी व्यक्ति 11 दिसंबर 2025 तक अपने सुझाव भेज सकता है। नए विधेयक की घोषणा के साथ ही यह साफ हो गया है कि जल्द ही देश में बीज क्षेत्र से जुड़े दो बेहद पुराने कानून अब इतिहास बनने वाले हैं। सरकार का उद्देश्य है कि मौजूदा कृषि व्यवस्था और आधुनिक तकनीकों के हिसाब से बीज कानूनों को अपडेट किया जाए ताकि किसान नुकसान से बचें और उनके लिए बाजार अधिक पारदर्शी बने।

नया विधेयक से प्रमाणित और सुरक्षित बीज होगा उपलब्ध

देश में बीज कानूनों में बड़े बदलाव करीब 40-50 साल बाद हो रहा है। 1966 में बीज अधिनियम अब उस जमाने की जरूरतों पर आधारित था। जब कृषि में न तो आधुनिक तकनीकें थीं और न ही वैश्विक स्तर पर बीज व्यापार इतना विस्तृत था। आज के बदलते समय में किसानों को आधुनिक हाइब्रिड बीज,गुणवत्ता प्रमाणित किस्में, आयातित बीज और ग्लोबल वैरायटी तक पहुंच चाहिए। वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि यह विधेयक सभी जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इस विधयक का उदेश्य है कि किसानों को प्रमाणित, सुरक्षित और किफायती दरों पर बेहतर क्वालिटी के बीज उपलब्ध हों और नकली तथा घटिया बीजों की बिक्री पर सख्त कार्रवाई हो सके।

किसानों को नहीं होगी आर्थीक नुकसान

बीज मसौदा विधेयक 2025 का सबसे बड़ा लक्ष्य यह है कि बाज़ार बिकने वाले हर बीज की गुणवत्ता तय मानकों के अनुसार हो। किसान को खराब बीज मिलने के कारण उसकी खेती खराब हो जाती है जिससे किसानों को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। विधेयक में यह भी प्रावधान किया गया है कि बीज की पैकेजिंग, लेबल, अंकुरण दर, किस्म और उत्पत्ति जैसी सभी जानकारी स्पष्ट रूप से उपलब्ध कराई जाए।

छोटे कारोबारियों को राहत देगा नया विधयक

नए विधेयक में छोटे अपराधों को अपराधमुक्त करने का प्रस्ताव है। यानी बीज व्यापार में छोटी ग़लतियों पर अब आपराधिक मामला नहीं बनेगा। यह कदम छोटे बीज विक्रेताओं, दुकानदारों और छोटे उत्पादकों के लिए राहत का काम करेगा। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि Ease of Doing Business को बढ़ावा मिले और अनुपालन का बोझ कम हो। हालांकि, गंभीर उल्लंघनों के लिए सख्त दंड प्रावधान भी बनाए गए हैं।

कहां उपलब्ध है विधेयक और कैसे भेजें सुझाव?

बीज मसौदा विधेयक 2025 सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है- https://agriwelfare.gov.in. सुझाव भेजने के लिए सरकार ने एक आधिकारिक ईमेल जारी किया है। jsseeds-agri[at]gov[dot]in। किसान टिप्पणियाँ और सुझाव को MS Word या PDF फॉर्मेट में भेज सकते हैं। अंतिम तारीख 11 दिसंबर 2025 तय की गई है।

 

 

 

 

 

 

 


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