
नई दिल्ली।आपके खेत में लगने वाला सिंपल सा पीला-नारंगी गेंदा का फूल न सिर्फ पूजा-पाठ और शादियों की शान बढ़ाता है बल्कि किसानों को भी रातोंरात अमीर बना सकता है? जी हां गेंदा के फूल की खेती हजारों किसानों की उम्मीद बनकर उभरा है। कम लागत, कम मेहनत और तेज मुनाफे वाली यह फसल किसानों को नया रंग दे रही है। असल में हम समझेंगे कि कैसे गेहूं-चने की खेती छोड़कर गेंदा कैसे आपके जीवन को बदल सकता है। अगर आप भी छोटे किसान हैं, तो यह पूरी प्रक्रिया और मुनाफे का हिसाब पढ़कर आज ही शुरू कर सकते हैं।
गेंदा की खेती क्यों है किसानों का नया सोना
गेंदा का फूल भारत की संस्कृति का हिस्सा है, पूजा से लेकर त्योहारों तक हर जगह इसकी मांग रहती है।वैसे अब यह सिर्फ सजावट नहीं, कमाई का बड़ा जरिया बन गया है। पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं या चने में 6-8 महीने लगते हैं और मुनाफा भी कम होता है। वहीं, गेंदा की फसल सिर्फ 2-3 महीने में तैयार हो जाती है। आज के टाइम में सरकारी योजनाएं भी इस खेती को करने में मदद कर रही हैं, जैसे नेशनल हॉर्टिकल्चर मिशन के तहत 50-70% सब्सिडी छोटे किसानों के लिए यह आसान है।
सही मिट्टी- और मौसम का रखे ध्यान
गेंदा की खेती हर तरह की मिट्टी में हो सकती है, लेकिन अच्छा ड्रेनेज वाली रेतीली दोमट मिट्टी सबसे बेहतर है। मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। अम्लीय या खारी मिट्टी से बचें.इसको उगाने के लिए खेत की गहरी जुताई करें और सड़ी गोबर की खाद मिलाएं, इससे मिट्टी उपजाऊ बनेगी याद रखें कि अगर आप छोटे स्तर पर शुरू कर रहे हैं।
उन्नत किस्म देता है ज्यादा फूल
गेंदा की दो मुख्य किस्में हैं, अफ्रीकन और फ्रेंच भारत में लोकप्रिय किस्में हैं पूसा नारंगी गेंदा, पूसा बसंती गेंदा, इंका माया और क्राउन ऑफ गोल्ड, ये हाइब्रिड किस्में ज्यादा पैदावार देती हैं। हमेशा छोटे गमलों या क्यारियों में बीज डालें और हल्की मिट्टी से ढकना चाहिए और 20-25 दिनों में पौधे 4-5 पत्तियों के हो जाएंगे, तब खेत में रोपें.इसकी 55-60 दिनों में पहली तुड़ाई शुरू हो जाती है।