
नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले में बागवानों को आर्थिक तौर पर मजबूत करने के लिए अब क्लस्टर स्तर पर प्लम, कीवी और जापानी फल की खेती करने की योजना पर कार्य शुरू हो गए हैं। जोगिंद्रनगर उपमंडल के डोल, खड़ीहार और गोलवां में क्लस्टर स्तर पर फलदार पौधों की खेती के लिए भूमि भी चयनित कर ली है। उद्यान विभाग ने आड़ू की उन्नत किस्म की फसल के पौधों की डिमांड भेजी है। जोगिंद्रनगर उपमंडल के ढेलू वार्ड में क्लस्टर स्तर पर करीब 6.5 हेक्टेयर भूमि पर सात हजार के करीब अमरूद के पौधे लगाए हैं। इसका बागवानों को आर्थिक लाभ भी आने वाले समय में मिलेगा। यहां पर करीब 35 से 40 हजार क्विंटल अमरूद के फल की पैदावार होने का लक्ष्य रखा गया है।
तीन से आठ साल में तैयार होता है प्लम
उद्यान विभाग की विकास अधिकारी डॉ. निधी ने बताया कि तीन से आठ साल में प्लम की फसल तैयार होगी। इस फल की विभिन्न वैरायटी की पैदावार को लेकर विभाग नर्सरी भी तैयार कर रहा है। खंड विकास कार्यालयों में बागवानों को प्लम, जापानी फल और कीवी के पौधे सरकारी दरों में उपलब्ध करवाने को लेकर डिमांड भी भेजी जा चुकी है। प्रथम चरण में 1500 पौधे इस साल प्लम और सेब के किसानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे।
7 हजार के करीब अमरूद के पौधे
जोगिंद्रनगर उपमंडल के ढेलू वार्ड में क्लस्टर स्तर पर करीब 6.5 हेक्टेयर भूमि पर सात हजार के करीब अमरूद के पौधे लगाए हैं। इसका बागवानों को आर्थिक लाभ भी आने वाले समय में मिलेगा। यहां पर करीब 35 से 40 हजार क्विंटल अमरूद के फल की पैदावार होने का लक्ष्य रखा गया है।