
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में फूलों की खेती लंबे समय से सीमित दायरे में रही है, लेकिन अब किसानों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आया है लीसिएंथस या स्टोमा फूल इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से संबद्ध ठाकुर छेदीलाल बैरिस्टर कृषि महाविद्यालय बिलासपुर के उद्यानिकी विभाग में इस नए फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण शोध और प्रयोग चल रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह फूल न केवल दिखने में आकर्षक और आर्टिफिशियल की तरह चमकदार है, बल्कि इसकी बाजार मांग और कीमत दोनों सामान्य गुलाब से कई गुना अधिक हैं।
नया फूल, नई उम्मीद
उद्यानिकी विभाग में गुलाब के बदले लीसिएंथस फूल की खेती का प्रयोग किया जा रहा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाई-एंड डेकोरेटिव और प्रीमियम सेगमेंट में उपयोग किया जाता है. यह फूल विदेशी बाजारों में बेहद लोकप्रिय है और अब भारत विशेषकर छत्तीसगढ़ में इसकी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
लंबे समय तक ताज़ा रहने की विशेषता
इस फूल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि कटाई के बाद यह गुलाब की तुलना में काफी लंबे समय तक ताज़ा रहता है। इसकी पंखुड़ियाँ और डंठल आर्टिफिशियल फूल की तरह चमकदार दिखती हैं, इस वजह से इसे विशेष अवसरों में सजावट के लिए लोग अधिक पसंद कर रहे हैं।
पॉलीहाउस में होती है खेती
इसकी खेती खुले मैदान में नहीं, बल्कि पॉलीहाउस में की जाती है। इसलिए नियंत्रित तापमान और वातावरण में इसे उगाया जाता है जिससे फूल की गुणवत्ता और उत्पादन बेहतर मिलता है।