
नई दिल्ली। अपना जिला, अपनी फसल के तहत हर जिले में एक बागवानी फसल का चयन किया जायेगा। चयनित फसल को उस शहर के नाम से मशहूर कराया जायेगा। उस फसल को उस शहर के नाम से पहचान दिलाने की कोशिश की जायेगी। इसके लिए उस फसल की ब्रांडिंग भी कृषि विभाग करेगा। उस इलाके के बाजार तंत्र को समझते हुए फसल का चयन किया जायेगा।
किसान बनेंगे ब्रांड एंबेसडर
को ही बनाया जायेगा फसलों का ब्रांड एंबेसडर चयनित मार्गदर्शक किसानों को ब्रांड एंबेसडर बनाया जायेगा. ऐसे किसानों को सम्मानित भी किया जायेगा। प्रथम चरण में जिलावार फसलों के चयन की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. इसमें जलवायु, मृदा और मांग आधारित फसलों का चयन हुआ है।
बागवानी फसलों की लोकप्रियता बढ़ेगी
क्लस्टर में ऐसी फसलों का विकास और उत्पादन किया जायेगा। पैक हाउस और कोल्ड चैंबर के लिए अनुदान दिये जायेंगे। निर्यातकों से अनुबंध कराकर मार्केटिंग की जायेगी। जिला स्तर पर उद्यानिक आधारित फसल की पहचान की जायेगी। इससे घरेलू व निर्यात बाजारों में बिहार की बागवानी फसलों की लोकप्रियता बढ़ेगी।
बिहार में बागवानी को बढ़ावा
बिहार में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए, राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता और वैज्ञानिक तरीके अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है, जैसे कि मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत आम और स्ट्रॉबेरी जैसी फसलों की खेती को बढ़ावा देना। इसके अतिरिक्त, मशरूम उत्पादन को बढ़ावा देने और एकीकृत बागवानी विकास मिशन के तहत फलों, सब्जियों और अन्य बागवानी फसलों के लिए सहायता प्रदान की जाती है।