
नई दिल्ली।दिल्ली-एनसीआर की लगातार जहरीली होती हवा से खराब होती सेहत को देखते हुए बड़ी संख्या में लोगों ने शहर बदलने का प्लान बनाना शुरू कर दिया है। 31 फीसदी तो इस विषय में गंभीरता से सोचने लगे हैं और दूसरे शहरों में घर देखने से लेकर बच्चों के स्कूल के बारे में भी पता कर रहे हैं। यह खुलासा स्मिटेन पल्सएआई के सर्वे में हुआ है। पता चला है कि 80 फीसदी से ज्यादा लोग स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। इनमें पुरानी खांसी, थकान, आंखों में जलन और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण शामिल हैं। 68.3 फीसदी लोग पिछले एक साल में खासतौर पर प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के लिए डॉक्टर के पास गए।
33.6 फीसदी लोग शहर बदलने की तैयारी में
सर्वेक्षण के अनुसार, प्रदूषण के कारण लोग कहीं और जाने के बारे में सोचने लगे हैं तो 33.6 फीसदी लोग शहर बदलने की तैयारी में हैं जबकि 15.2 फीसदी लोग तो दूसरी जगह शिफ्ट भी हो चुके हैं। 31 फीसदी लोग इस पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। इनमें से अधिकतर ने शहरों में घर देखने, बच्चों के स्कूलों में पूछताछ करने और परिवार के साथ शिफ्टिंग की प्लानिंग तक शुरू कर दी है। लोग खास तौर पर पहाड़ी इलाकों, कम फैक्ट्रियों वाले छोटे शहरों और दिल्ली-एनसीआर के बाहर ऐसी जगहें पसंद कर रहे हैं, जहां हवा थोड़ी साफ हो।
प्रदूषण ने जेब पर डाला बोझ
सर्वे में बताया गया है कि प्रदूषण ने लोगों की जेब पर भी बड़ा असर डाला है। 85.3 फीसदी परिवारों ने बताया कि घर के खर्च बढ़ गए हैं, इसमें एयर प्यूरीफायर, मास्क, दवाएं और डॉक्टर के चक्कर अब रोजमर्रा का हिस्सा बन गए हैं। 41.6 फीसदी लोग तो आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। सर्वे जारी करते हुए स्मिटेन पल्सएआई के सह-संस्थापक स्वागत सारंगी ने कहा कि लगातार खराब हवा सिर्फ पर्यावरण की समस्या नहीं रह गई है।
दिल्ली में 6 नए हाई-टेक एयर मॉनिटरिंग स्टेशन बनेंगे
शहर में हवा की निगरानी को मजबूत बनाने के लिए 6 नए कंटीन्यूअस एंबिएंट एयर क्वॉलिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगाने का काम सरकार ने शुरू कर दिया है। सभी स्टेशन 15 जनवरी तक चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। इनसे प्रदूषण स्तर, मौसम और हवा की दिशा-गति की वास्तविक जानकारी 24 घंटे मिलेगी।