
नई दिल्ली।जैसे ही सर्दियों की ठंडी हवा चलने लगती है, हमारी बालकनी या बगीचे के पौधों के लिए यह मौसम किसी परीक्षा से कम नहीं होता। ठंड, कोहरा, ओस और पाला, ये चारों मिलकर पौधों की जड़ों, पत्तियों और पूरे विकास पर असर डालते हैं। कई बार अच्छे-खासे स्वस्थ पौधे अचानक मुरझाने लगते हैं। ऐसे में पौधों को थोड़ी अतिरिक्त देखभाल और थोड़े स्मार्ट उपायों की जरूरत होती है, ताकि वे सर्दियों में भी सुरक्षित और तंदरुस्त बने रहें।
ठंडी मिट्टी से जड़ों को बचाना जरूरी है
सर्दी में तापमान गिरते ही मिट्टी जल्दी ठंडी हो जाती है। ठंडी मिट्टी पौधे की जड़ों की ग्रोथ रोक देती है और कई बार जड़ें जम भी जाती हैं। ऐसे में ‘मल्चिंग’ एक बेहतरीन उपाय है। पौधों के आसपास सूखी पत्तियां, भूसा या लकड़ी का बुरादा बिछाने से मिट्टी गर्म रहती है, नमी बनी रहती है और पौधे ठंड के नुकसान से बच जाते हैं। यह बिल्कुल ऐसे है जैसे सर्दियों में हम खुद को कंबल से ढक लेते हैं, बस पौधों के लिए कंबल की जगह मल्च होता है।
सर्दियों में पानी कम दें
सर्दी की ठंड मिट्टी को देर तक गीला रखती है। अगर इस मौसम में ज्यादा पानी दिया जाए, तो मिट्टी में पानी भर जाता है और जड़ें सड़ने लगती हैं। इसलिए पानी तभी दें जब मिट्टी की ऊपरी परत अच्छी तरह सूख जाए। उंगली से मिट्टी को महसूस करना या एक पतली लकड़ी की स्टिक लगाकर नमी चेक करना सही तरीका है। पौधों को इस मौसम में कम लेकिन सही समय पर पानी देना ही फायदेमंद होता है।