नौ महिला समूहों करेंगी अगले साल से अंगूर की खेती

28 Nov 2025 14:00:12


नई दिल्ली।उत्तराखंड के चंपावत जिले में महिलाओं को अंगूर की बागवानी से जोड़ने का काम कर दिया है। विभाग ने फल पौध की डिमांड कर दी है। 2026 में महिलाएं अंगूर की बागवानी करती नजर आएंगी। उद्यान विभाग ने लधिया घाटी क्षेत्र के परेवा, बेलखेत, चल्थी, मछियाड़ समेत 12 गांव के नौ समूहों का चयन किया है। मांग के हिसाब से फल पौध वितरण कार्य किया जाएगा। जिला उद्यान अधिकारी हरीश लाल कोहली ने बताया कि अंगूर पौध लगाने का उपयुक्त समय होता है। फल पौध की मांग कर दी गई है। पौध लगाने का तकनीकी ज्ञान भी समूहों की महिलाओं और अन्य काश्तकारों को दिया जाएगा। बताया कि कीवी की खेती भी पाटी और लोहाघाट क्षेत्र में की जा रही है। उन्होंने बताया कि अंगूर और कीवी उत्पादन से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बागवानी

उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में अंगूर की खेती होती है, खासकर पहाड़ी और ठंडे क्षेत्रों में। यह जानकारी गलत है कि उत्तराखंड में अंगूर की खेती नहीं होती। हालाँकि, मिट्टी और जलवायु के कारण यह पूरे राज्य में व्यापक रूप से नहीं उगाई जाती, लेकिन कुमाऊं पहाड़ियों जैसे कुछ क्षेत्रों में यह सफल है। चंपावत में अंगूर की खेती होती है और इसे बढ़ावा दिया जा रहा है, लेकिन यह राज्य में मुख्य या पारंपरिक खेती नहीं है। हाल ही में, जिलाधिकारी ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को अंगूर की खेती से जोड़कर "लखपति दीदी" योजना को बढ़ावा देने के निर्देश दिए हैं।

 

 

 


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