
नई दिल्ली।गेंदा जिसे अब तक केवल एक सजावटी फूल माना जाता रहा है, वास्तव में किसानों की फसलों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह खूबसूरत फूल न सिर्फ खेतों की सुंदरता बढ़ाता है, बल्कि मुख्य फसल को हानिकारक कीट-पतंगों से भी बचाता है। इसकी तेज और तीखी गंध कीटों को फसलों से दूर रखती है, जिससे किसान बिना किसी रासायनिक छिड़काव के बेहतर उत्पादन ले सकते हैं। इसके अलावा, गेंदा की जड़ें मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी बढ़ाती हैं।जिससे फसल चक्र में इसे शामिल करना किसानों के लिए हर तरीके से लाभकारी हो सकता है। किसान अपनी मुख्य फसल के बीच गेंदा के पौधे लगाकर दोगुना फायदा ले सकते हैं।एक तरफ फसल की सुरक्षा और दूसरी तरफ साल भर बाजार में इसकी मांग के कारण फूलों को बेचकर अलग से आमदनी ले सकते हैं।
गेंदा का पौधा प्राकृतिक कीट रक्षक
गेंदा का पौधा प्राकृतिक कीट रक्षक के रूप में काम करता है। इसकी तीखी गंध कीटों को मुख्य फसल से दूर भगाती है, जिससे किसानों की फसलें कीटों के हमले से सुरक्षित रहती हैं। फसलों के लिए यह एक प्राकृतिक कवच है। गेंदा सिर्फ सुरक्षा ही नहीं देता, बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधारता है। गेंदा की जड़ें मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बनाती हैं और मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है, जिसकी वजह से मिट्टी अधिक उपजाऊ बनती हैं।
कैसे लगाएं गेंदा का पौधा
किसान मुख्य फसल के बीच गेंदा के पौधों को लगा सकते हैं। उसके लिए किसानों को करना सिर्फ इतना है कि किसान खेत के चारों ओर गेंदा के पौधे लगाएं, इसके अलावा बीच-बीच में 10 से 15 फीट की दूरी पर भी गेंदा की एक-एक लाइन लगा दें। गेंदा का पौधा सर्दियों में बहुत जल्दी तैयार होकर फूल देने लगता है। जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी मिलेगी, इसके अलावा मुख्य फसल के लिए भी यह एक प्राकृतिक ट्रैप के तौर पर काम करेगा और कीट फसल से दूर रहेंगे।