
नई दिल्ली। जब भी अमरूद की बात होती है तो लोगों के जेहन में सबसे पहले इलाहाबाद के सुर्खा अमरूद की तस्वीर उभरकर सामने आती है। लोगों को लगता है कि देश में सबसे अधिक स्वादिष्ट और उन्नत अमरूद की किस्म यही है, लेकिन ऐसी बात नहीं है। पश्चिम बंगाल में उगाए जाने वाला बारुईपुर अमरूद भी किसी मायने में कम नहीं है। यही वजह है कि इसे जीआई टैग भी मिल गया है। इस अमरूद की डिमांड केवल इंडिया ही नहीं, बल्कि लिदेशों में भी खूब है। कोलकाता से बारुईपुर अमरूद की सप्लाई सिंगापुर सहित कई देशों में होती है।
बारुईपुर अमरूद को अप्रैल 2025 में GI टैग
बारुईपुर अमरूद को अप्रैल 2025 में GI टैग मिला, जिससे यह आधिकारिक रूप से पश्चिम बंगाल की पहचान वाला खास उत्पाद बन गया। इस टैग से इन अमरूदों की खासियत सुरक्षित रहती है और कोई दूसरी जगह इसका नाम इस्तेमाल नहीं कर सकता। इससे स्थानीय किसानों की आमदनी बढ़ी है और वैश्विक पहचान भी मिली है। अगर बारुईपुर अमरूद की खासियत की बात करें तो यह अपनी की उच्च गुणवत्ता और बेहतर स्वाद के लिए जाना जाता है।
पश्चिम बंगाल के बारुईपुर इलाके में होती है खेती
बारुईपुर अमरूद की खेती पश्चिम बंगाल के बारुईपुर इलाके में होती है। इसलिए इसका नाम बारुईपुर अमरूद पड़ा। यह अमरूद मीठा, सुगंधित और ज्यादा उपज देने वाला होता है। इसके ग्राफ्टेड पेड़ कम देखभाल में बढ़ते हैं, रोग-प्रतिरोधी हैं और सालभर फल दे सकते हैं। इसलिए ये घर के बगीचों, छतों और वाणिज्यिक खेती दोनों के लिए उपयुक्त हैं।
कोलकाता और पूरे बंगाल में होती है सप्लाई
बारुईपुर अमरूद की खेती पश्चिम बंगाल में सैकड़ों एकड़ में होती है। बारुईपुर इलाके के किसान इसे नकदी फसल के रूप में उगाते हैं, क्योंकि इसकी मांग और उपज दोनों अधिक हैं। खास बात यह है कि किसान अधिक उपज पाने के लिए हाई-डेंसिटी प्लांटिंग, कैनोपी मैनेजमेंट और प्रूनिंग का इस्तेमाल करते हैं।