
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली के रहने वाले आनंद मिश्रा की कहानी आज हर किसान-बागवानों के लिए प्रेरणा बन गई है। कभी मल्टीनेशनल कंपनी में अच्छी नौकरी करने वाले आनंद ने जब खेती में हाथ आजमाया, तो लोगों ने मजाक उड़ाया। लेकिन आज वही लोग उनकी सफलता को देखकर हैरान रह जाते हैं। नींबू के साथ मुसम्मी की बागवानी ने उन्हें सिर्फ पहचान ही नहीं दी, बल्कि साल में लाखों की कमाई भी दिला दी। इसी वजह से लोग उन्हें अब लेमन मैन के नाम से जानते हैं।
नींबू की बागवानी से की शुरुआत
आनंद मिश्रा ने सबसे पहले अपने घर के पुराने नींबू के पेड़ों से प्रेरणा लेकर बागवानी शुरू की। नौकरी छोड़कर नींबू का बाग लगाया और धीरे- धीरे उन्हें समझ आया कि नींबू के साथ मुसम्मी यानी मौसम्बी की खेती भी आसानी से की जा सकती है। महाराष्ट्र के विदर्भ जैसी गर्म जलवायु न होते हुए भी उत्तर प्रदेश की मिट्टी और मौसम मुसम्मी के लिए काफी बेहतर निकले। आनंद बताते हैं कि दोमट, बलुई या केबाल यानी सामान्य मिट्टी-जिस भी मिट्टी में पौधा लगा दो, मुसम्मी आराम से बढ़ जाती है।
एक पेड़ से 50 किलो उत्पादन
मुसम्मी के एक पेड़ से औसतन 40-50 किलो फल मिल जाता है और इसी वजह से एक एकड़ में 50 से 100 कुंतल तक उत्पादन हो जाता है। नींबू के साथ मुसम्मी की खेती करने पर किसान सिर्फ फल बेचकर ही साल में 3 से 4 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं। इसकी लागत कम होती है और बीमारी भी कम लगती है, इसलिए रिस्क भी बहुत कम रहता है. यही वजह है कि कई किसान इस खेती को अपनाने लगे हैं और आसपास के किसान भी इससे प्रेरित होकर अपने खेतों में मुसम्मी लगा रहे हैं।