
नई दिल्ली। दिसंबर दस्तक दे रहा है। मौसम में ठंडक की दस्तक और गुलाबी धूप के बीच खेतों में ओस की बूंदे फूलों के लिए संजिवनी से कम नहीं है। यह वही मौसम है, जब खेतों में विभिन्न प्रकार के फूलों की खुशबू महकती और बिखरती है। यह समय फूलों के लिए इसलिए भी विशेष माना जाता है, क्योंकि वैवाहिक कार्यक्रमों के चलते सजावट के लिए फूलों की अच्छी खासी डिमांड बाजार में रहती है। सहफसली या औद्यानिक खेती करने वाले किसानों के लिए फूलों की खेती वरदान से कम नहीं है। कुछ किसान ऐसे हैं, जो फूलों को सहफसली के रूप में लगाते हैं तो कुछ मुख्य फसल के रूप में फूलों की खेती को साल भर करते हैं। जिलेभर में यह मौसम गुलाब, रजनीगंधा, जरबेरा, ग्लेडियोलस आदि फूलों के विभिन्न रंगों व खुशबू से सराबोर है।
खेत में लगे फूलों से लेकर बाजार तक फूलों की महक
इन दिनों खेत में लगे फूलों से लेकर बाजार तक फूलों की महक आकर्षित करने वाली होती है। स्थानीय नवीन मंडी व लोहियानगर मंडी के अलावा फूलों का उत्पादन कर दिल्ली की आजादपुर व गाजीपुर मंडी में भेजा जाता है, जहां फूलों की अच्छी कीमतें मिल जाती हैं।
नीदरलैंड के टाप सीक्रेट प्रजाति का गुलाब उगा रहे विवेक
उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले विवेक आइआइटी रुड़की से एमटेक व बैंकाक से इंटरनेशनल बिजनेस में एमबीए के बाद गुलाब की उम्दा खेती करते हैं।दुबई, फ्रांस व आस्ट्रेलिया में आइटी सेक्टर में उच्च पदों पर नौकरी करने के बाद विवेक स्वदेश लौट आए और मेरठ-करनाल हाईवे पर भूनी चौराहे के पास पालीहाउस में गुलाब की खेती करने लगे।