राजस्थान की गर्म मिट्टी में लहलहा रही है हिमाचल की फूल

05 Nov 2025 11:38:51


नई दिल्ली। राजस्थान के अलवर जिले के खैरथल-तिजारा क्षेत्र में किसान अब पारंपरिक फसलों को छोड़कर फूलों की खेती की कर रहे हैं। यहां के किसान हिमाचल प्रदेश और शिमला की ठंडी जलवायु में उगने वाले गुलदाउदी के फूलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। बता दें कि 20-25 डिग्री तापमान में पनपने वाले गुलदाउदी फूलों की खेती राजस्थान की गर्म और शुष्क जलवायु में चुनौतीपूर्ण है। लेकिन बागवानों ने अपनी मेहतन से यह कर दिया है। शिमला में यह ग्रीनहाउस में की जाती है। इस खेती से न केवल उनकी आय बढ़ी है, बल्कि क्षेत्र में फ्लोरिकल्चर का नया दौर शुरू हो गया है।

200 रुपये प्रति किलो बिकता है यह गुलदाउदी की फूल

 तिजारा में किसानों ने करीब 50 बीघा भूमि पर गुलदाउदी की खेती शुरू कर दी है। इस फूल की पौधें शिमला से मंगवाई जाती हैं और मार्च महीने में रोपाई की जाती है। लगभग 9 महीनों में पौधे तैयार हो जाते हैं, जिसकी तुड़ाई नवंबर के पहले सप्ताह से शुरू हो जाती है। एक बीघा से तीन बार की तुड़ाई में 1.5 से 2 क्विंटल फूल निकलते हैं।  अन्य किसानों ने भी साझा किया कि इस साल फसल अच्छी हुई है और दिल्ली मंडी में फूलों का भाव 200-250 रुपये प्रति किलो बिक रहा है।

पारंपरिक विधि से गुलदाउदी की खेती

तिजारा के किसान गुलदाउदी की खेती पूरी तरह पारंपरिक तरीके से कर रहे हैं। शिमला जैसे ठंडे क्षेत्रों में जहां ग्रीनहाउस की जरूरत पड़ती है, वहीं यहां खुले आसमान के नीचे ड्रिप पद्धति से सिंचाई की जा रही है। इससे फूलों की रंगत और ताजगी बरकरार रहती है।

उद्यान विभाग दे रही है अनुदान

अलवर जिले में फ्लोरिकल्चर को बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग ने अनुदान की योजना शुरू की है, जिसमें ड्रिप सिस्टम और हाई-टेक नर्सरी पर सब्सिडी मिल रही है। खैरथल-तिजारा क्षेत्र, जो कभी सूखाग्रस्त माना जाता था, अब फूलों का हब बन रहा है। गुलदाउदी की मांग दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा है।

 

 


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