
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ में किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से उद्यानिकी विभाग द्वारा संचालित राज्यपोषित समेकित फलोद्यान योजना बागवानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही है। इस योजना का मकसद है कि किसान फलों की खेती के साथ-साथ सब्जियों और फूलों की इंटर क्रॉपिंग कर आर्थिक रूप से सशक्त बनें। छत्तीसगढ़ बालोद जिले के ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी अनिल कुमार महिलांग के अनुसार समेकित फलोद्यान योजना के तहत किसानों को न केवल फलदार पौधों की खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें शुरुआती वर्षों में आर्थिक सहयोग भी दिया जा रहा है। क्योंकि फलदार पौधों में आमदनी तुरंत नहीं आती जैसे आम के पेड़ से लाभ कम से कम तीन साल बाद शुरू होता है इसलिए विभाग किसानों को फलों के साथ सब्जियों और फूलों की खेती करने की सलाह दे रहा है।
एक हेक्टेयर ₹1,25,000 की अनुदान
ग्रामीण उद्यान विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस योजना के तहत बागवानों को सिंचाई के लिए बोर सुविधा और सब्जियों की खेती के लिए बीज भी उद्यानिकी विभाग की ओर से दिए जाते हैं। साथ ही, प्रति हेक्टेयर ₹1,25,000 की अनुदान राशि किसानों को प्रदान की जाती है। इस राशि का उद्देश्य है कि किसान फलदार पौधों की तैयारी अवधि के दौरान भी सब्जियों की बिक्री से अपनी आय बना सकें। इस योजना के तहत आम, नींबू, अमरूद, कटहल या अन्य फलदार पौधों की रोपाई की है, वे इन पौधों के बीच की जगह में टमाटर, बैंगन, गोभी जैसी सब्जियां या गेंदा जैसे फूलों की फसल ले सकते हैं।