
नई दिल्ली। देश में फूलों की खेती का रकबा लगातार बढ़ते जा रहा है। सभी राज्यों में बड़े पैमाने पर बागवान फूलों की खेती करने लगे हैं। खासकर गुलाब की खेती भी बागवान करने लगे हैं। गुलाब की खेती किसानों के लिए कमाई का बेहतर विकल्प साबित हो रहा है। खूबसूरती और महक के लिए मशहूर गुलाब की मांग ना केवल घरेलू बाजार में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ रही है।
सिंचाई का ध्यान
अगर आपने अपने गार्डन में गुलाब का पौधा लगाया है या गुलाब की बागवानी करते है तो आपको सबसे पहले सिंचाई का ध्यान रखना होगा। क्योंकिठंड के मौसम में गुलाब को अधिक पानी देने से बचें, क्योंकि ठंड में मिट्टी में नमी अधिक समय तक बनी रहती है. सुबह के समय हल्की सिंचाई करें ताकि पत्तियों पर पानी न रुके।
पाले से बचाए
सर्दियों में पाले से बचाव के लिए पौधों को घास, पुआल या प्लास्टिक शीट से ढकें। रात के समय खेत में हल्की सिंचाई करें, क्योंकि गीली मिट्टी पाले से बचाव में मदद करती है।
रोग और कीट नियंत्रण
सर्दियों में गुलाब के पौधों पर पाउडरी मिल्ड्यू और काले धब्बे जैसे रोगों का खतरा बढ़ सकता है। जैविक फंगीसाइड या नीम के तेल का छिड़काव करें. कीटों से बचाव के लिए रोज निरीक्षण करें और उचित उपाय करें।
सूरज की रोशनी का प्रबंध
गुलाब के पौधों को पर्याप्त धूप मिलने दें। सर्दियों में रोशनी कम होती है, इसलिए पौधों को ऐसी जगह लगाएं, जहां अधिक से अधिक धूप मिल सके।
खाद और उर्वरक का ध्यान
सर्दियों में गुलाब के पौधों को संतुलित मात्रा में जैविक खाद जैसे गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट या नाइट्रोजन युक्त उर्वरक दें। पोटाश और फॉस्फोरस का उपयोग करें, जो ठंड से पौधों की सुरक्षा करते हैं।