एरोमा व फ्लोरीकल्चर मिशन के तहत कृषि तकनीक, फूलों की खेती और औषधीय पौधे पर प्रशिक्षण आयोजित

01 Dec 2025 09:32:34


नई दिल्ली। गोरखपुर जिले के सहजनवा क्षेत्र के बाहिलपार गांव में किसानों के लिए एक दिवसीय जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, फूलों की खेती और औषधीय पौधों से आय बढ़ाने के उपाय बताना था। यह आयोजन सीएसआईआर-सीमैप के एरोमा मिशन फेज-3 और फ्लोरीकल्चर मिशन फेज-2 के तहत किया गया। कार्यक्रम के दौरान किसानों को निःशुल्क पौधे भी वितरित किए गए।

फूलों की खेती की दी गई जानकारी

इस अवसर पर विशेषज्ञों ने किसानों को गेंदे, गुलाब, रजनीगंधा और चमेली जैसे विभिन्न फूलों की उन्नत खेती की तकनीक के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने अश्वगंधा, तुलसी और कालमेघ जैसे आयुर्वेदिक एवं औषधीय पौधों की व्यावसायिक खेती के लाभ भी बताए। विशेषज्ञों ने उल्लेख किया कि औषधीय फसलें कम लागत में अधिक मुनाफा दे सकती हैं, क्योंकि बाजार में इनकी मांग लगातार बढ़ रही है।

फूलों से बनने वाले उत्पादों की जानकारी दी गई

प्रशिक्षण सत्र के दौरान किसानों को फसल अवशेषों से मूल्य संवर्धन, जैविक खाद (केंचुआ खाद) बनाने की विधि, मशरूम उत्पादन और फूलों से बनने वाले उत्पादों जैसे गुलाब जल, अगरबत्ती तथा खुशबूदार तेल के निर्माण की प्रक्रिया की भी जानकारी दी गई। इन जानकारियों ने किसानों को नए आय स्रोतों को अपनाने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर सीएसआईआर-सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी, फ्लोरीकल्चर मिशन के परियोजना अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार वर्मा, मनोज कुमार गुप्ता, अनिल कुमार गुप्ता, सुनील कुमार गुप्ता, दुर्गा मद्धेशिया और अविनाश सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

 

 

 


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