सूखे की मार से संकट में सेब के बगीचे, जाने क्या कहने है बागवानी विशेषज्ञ

12 Dec 2025 16:16:27


नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में गोहर क्षेत्र के सेब उत्पादक क्षेत्रों में अपर्याप्त बारिश और बर्फबारी के कारण सेब के बगीचों में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। दिसंबर शुरू होने के बावजूद सूखे की स्थिति बनी हुई है। इससे बागों में पौधों को पर्याप्त नमी नहीं मिल पा रही है। मंडी जिला में प्रतिवर्ष लगभग 35लाख सेब पेटी का कारोबार होता है। मगर आगामी सीजन को लेकर बागवानी विशेषज्ञ और बागवानों में चिंता पैदा हो गई है।

जाने बागवानी विशेषज्ञ की राय           

बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार सेब की बेहतरीन फसल के लिए 1600 घंटे के चिलिंग आवर्स ठंडा तापमान का होना बेहद जरूरी होता है। मौजूदा सूखे के हालात के कारण यह आवश्यकता पूरी नहीं हो पा रही है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि यदि यह सूखा जारी रहा तो अप्रैल में होने वाली महत्वपूर्ण सेब फ्लावरिंग फूल खिलने की प्रक्रिया पर संकट छा सकता है। इससे पूरी फसल प्रभावित होगी।

बेहतर उत्पादन के लिए बारिश आवश्यक

लंबे समय से नमी की कमी के कारण सेब के पौधे पहले ही वूली एफिड, पेपरी बार्क और केंकर जैसी बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। बागवानों का कहना है कि बारिश और बर्फबारी न होने से उनके बगीचों में नए पौधे लगाने और बागवानी संबंधी सभी आवश्यक कार्य ठप हो गए हैं। कई बागवान अब देवालयों की शरण में जाने की तैयारी कर रहे हैं।सूखे से बनी स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए बागवानी विशेषज्ञों की माने तो इस समय सेब बगीचों को बेहद नमी की जरूरत है। अभी भी बारिश हो जाती है तो अप्रैल में होने वाली फ्लावरिंग के लिए अच्छे संकेत मिल सकते हैं।

 

 

 

 


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