
नई दिल्ली। उत्तर भारत में फूलों की खेती करने वाले किसानों के लिए भी यह समय गेंदा के फूल की नर्सरी डालने का सुनहरा अवसर है। गेंदा का फूल सामान्यत सर्दी के मौसम में खिलता है, यदि किसान अब भी देर करें, तो बेहतर उत्पादन का मौका चूक सकते हैं। आइए जानते हैं गेंदा की नर्सरी डालने का सही तरीका और इससे जुड़ी जरूरी सावधानियां।
ऊंचाई वाली जगह पर डालें नर्सरी
फूलों की खेती करने वाले बागवानों के अनुसार गेंदा की नर्सरी डालते समय सबसे पहले यह ध्यान देना जरूरी है कि, नर्सरी के लिए ऊंचाई वाला स्थान चुनें, ताकि पानी वहां न रुके। क्योंकि अगर पानी ज्यादा देर तक जमा रहता है, तो नर्सरी के पौधे सड़ने लगते हैं। इसलिए खेत या पॉलीहाउस में ऐसा स्थान चुनें जहां जल निकासी बेहतर हो और नमी नियंत्रित रखी जा सके।
नर्सरी की मिट्टी कैसी होनी चाहिए?
गेंदा की अच्छी नर्सरी के लिए भूमि की तैयारी विशेष मायने रखती है।
मिट्टी का पीएच मान 7.0 से 7.6 के बीच होना चाहिए।
दोमट मिट्टी जिसमें पानी रुकता न हो, सबसे उपयुक्त मानी जाती है।
भूमि की गहरी जुताई करें और 15-20 टन सड़ा हुआ गोबर या कम्पोस्ट खाद मिट्टी में मिला लें. इससे मिट्टी में पोषक तत्व और नमी संतुलित रहेगी।
पॉलीहाउस में भी कर सकते हैं नर्सरी
खुले में खेती करने की तुलना में पॉलीहाउस या शेडनेट में गेंदा की नर्सरी डालना ज्यादा सुरक्षित माना जाता है। खुले में पौधों को जैविक (कीट व रोग) और अजैविक (मौसम) खतरों से नुकसान होता है, जो सीधे उत्पादन को प्रभावित करता है। पॉलीहाउस में नर्सरी लगाने से तापमान, वर्षा और कीटों पर नियंत्रण रखा जा सकता है। इसके साथ ही टपक सिंचाई प्रणाली अपनाने से पानी और उर्वरक दोनों की बचत होती है।