ड्रैगन फ्रूट और औषधीय पौधों की खेती व प्रोसेसिंग के क्षेत्र में कर रहीं कार्य

15 Dec 2025 11:17:02


नई दिल्ली।हिमाचल प्रदेश में उगा जिले के गांव गुनघराला की 67 वर्षीय प्रगतिशील किसान रीवा सूद प्राकृतिक खेती और ग्रामीण आजीविका के विस्तार को लेकर निरंतर आगे बढ़ रही हैं। वर्ष 2018 से उन्होंने बंजर और कम उपजाऊ भूमि पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए खेती शुरू की और पहले स्वयं को एक सफल किसान के रूप में स्थापित किया। इसके बाद अपने अनुभव और नवाचार के बल पर उन्होंने एक सफल उद्यमी के रूप में भी पहचान बनाई।रीवा सूद ने ड्रैगन फ्रूट और औषधीय पौधों की खेती को अपनाकर यह सिद्ध किया कि कम प्रचलित फसलें भी यदि वैज्ञानिक तरीके से उगाई जाएं तो वे अत्यधिक पौष्टिक फल और मूल्यवर्धित उत्पाद दे सकती हैं। उनका कार्य केवल गुनघराला गांव तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनके मॉडल को बेहड़ बिठल, अकरोट और बेहड़ जसवां सहित आसपास के कई गांवों के किसानों ने भी अपनाया है।

70 एकड़ में ड्रैगन फ्रूट और औषधीय फसलों की खेती

उन्होंने वर्तमान में 70 एकड़ से अधिक भूमि पर ड्रैगन फ्रूट और औषधीय फसलों की खेती की जा रही है। अब तक वे किसानों को 80 हजार से अधिक ड्रैगन फ्रूट के पौधे और 5 लाख 64 हजार 650 से अधिक औषधीय पौधे उपलब्ध करा चुकी हैं। इस पहल से जुड़े किसानों की कुल आय में 35 से 45 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। रीवा सूद ने महिलाओं को खेती की पूरी शृंखला नर्सरी प्रबंधन, पौध उत्पादन, प्रोसेसिंग, पैकिंग और मूल्यवर्धन से जुड़े कार्यों का प्रशिक्षण भी दिया है। अब तक 300 से अधिक महिलाएं इस मॉडल से जुड़कर आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 


Powered By Sangraha 9.0