
नई दिल्ली।गुड़हल का पौधा बहुत ही खूबसूरत होता हैं जिसके फूल हमें अपनी ओर आकर्षित करते हैं। लोग अपने घर में गुड़हल का पौधा लगाना बेहद पसंद करते हैं, क्योंकि इसके फूल हर किसी का मन मोह लेते हैं। गुड़हल एक ऐसा पौधा है जिसे कई बार सफेद कीड़े व चींटियां लगने का सामना करना पड़ता है जिसकी वजह से पौधा खराब हो जाता हैं। सफेद कीड़े व चींटियां लग जाने की वजह से पौधा ख़राब होने लगता है और उसकी जड़े भी सड़ने लगती हैं। अगर आपके घर में भी गुड़हल का पौधा लगा हुआ है जिसमे आपको सफेद कीड़े व चींटियां जैसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो यह खबर आपके काम का है।
गुड़हल का पौधा
गुड़हल, एक आकर्षक पौधा हैं, जिसके फूल विभिन्न रंगों के होते हैं और यह अपनी विविधता और सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। बता दें कि इसका वैज्ञानिक नाम “Hibiscus” है, और इसे वन्यजीवी और सांस्कृतिक उपयोग के लिए पसंद किया जाता है।
गुड़हल का पौधा सफेद कीड़ों और चींटियों से बचाने का तरीका
सबसे पहले आप नियमित रूप से पौधों की देखभाल करें और अगर किसी प्रकार के कीटाणु पौधों में दिखाई दें, तो उन्हें तुरंत हटा दें। जल स्रोत को सुरक्षित रखे और पौधों की सिंचाई ठंडे पानी से करने पर कीटाणुओं को पौधे से दूर किया जा सकता हैं। पौधों को जैविक खाद प्रदान करें जिससे पौधे स्वस्थ रहें और कीटाणु पौधों से दूर रहे। बता दें कि प्राकृतिक नीम या नीम तेल से स्प्रे करना एक अच्छा उपाय हैं।
नीम तेल का स्प्रे
नीम तेल को पानी के साथ मिलाकर गुड़हल पौधों पर स्प्रे करने से सफेद कीड़ें और चींटियों को दूर किया जा सकता हैं। नीम की खासियतें कीड़ों को नष्ट करने में सकारात्मक रूप से कारगर होती हैं। बता दें कि नीम में निम्बिन, आजादिरेक्टिन और सल्फर जैसे सुगंधित यौगिक होते हैं जो कीटाणुओं को पौधें के नजदीक आने से रोकते हैं या हटाने में मदद करते हैं।
प्याज और लहसुन का पेस्ट
प्याज और लहसुन का पेस्ट गुड़हल के पौधे से चींटियों, सफेद कीड़ों को हटाने में बहुत उपयोगी हो सकता हैं। क्योंकि यह दोनों पौधों को हेल्थी एंटी-इंसेक्ट किडल प्रदान करते हैं, जो कीटाणुओं को दूर करने में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं।
गमले की मिट्टी की खुदाई करें
बता दें कि गमले की मिट्टी कि खुदाई करके चींटियों को रोका जा सकता हैं। चींटियां मिट्टी से निकलकर पौधे तक पहुँच जाती हैं और उनके द्वारा बनाए गए रस्ते से पानी गमले से नीचे निकल जाता हैं। इस तरह पौधें की जड़ों तक पानी नहीं पहुँच पाता हैं और गुडहल के पौधे की जड़े कमजोर होने लगती हैं।