पौधों में अधिक फास्फोरस वाले फर्टिलाइजर का कब और कैसे करें इस्तेमाल

23 Dec 2025 14:31:34


नई दिल्ली।फॉस्फोरस पौधों के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जो जड़ों की ग्रोथ, फ्लावर और फ्रूट के विकास के लिए जरूरी माना जाता है। मिट्टी में फास्फोरस की पर्याप्त मात्रा न होने पर प्लांट की ग्रोथ धीमी हो सकती है, पत्तियाँ गहरे हरे या बैंगनी रंग की हो सकती हैं, और पौधे पर निगेटिव इफेक्ट पड़ सकता है। इसलिए, फॉस्फोरस युक्त उर्वरकों का सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करना बेहद जरूरी होता है। साथ ही गार्डनर को यह भी जानना जरूरी होता है कि, पौधों में फास्फोरस का क्या काम है, व गार्डन में फास्फोरस की भूमिका क्या होती है। 

पौधों में फास्फोरस की भूमिका क्या है

पौधों के लिए फॉस्फोरस महत्वपूर्ण है। पौधों की ग्रोथ के लिए यह एक जरूरी पोषक तत्व है, जो जड़ प्रणाली को मजबूत बनाता है और पौधों की शुरुआती में मदद करता है। यह प्रकाश संश्लेषण, ऊर्जा संचरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 

कौन से पौधे उच्च फास्फोरस पसंद करते हैं

कुछ पौधे उच्च फॉस्फोरस युक्त मिट्टी में बेहतर वृद्धि करते हैं, विशेषकर वे जो मजबूत जड़ प्रणाली, फूल और फल उत्पादन पर निर्भर होते हैं। फलदार पौधे जैसे टमाटर, मिर्च, स्ट्रॉबेरी और अंगूर को अधिक फॉस्फोरस की आवश्यकता होती है। जड़ वाली फसलें जैसे गाजर, मूली और शकरकंद भी इसके लिए उपयुक्त हैं। फूलों के पौधे जैसे गुलाब, गेंदा और सूरजमुखी अच्छे फूल उत्पादन के लिए उच्च फॉस्फोरस पसंद करते हैं। 

पौधों में अधिक फॉस्फोरस वाले फर्टिलाइजर का कब करें इस्तेमाल

अगर आप जानना चाहते हैं कि, पौधों में फास्फोरस का उपयोग कब करें, तो यह लेख आपके बहुत काम आने वाला है। आप नीचे बताए गए अनुसार अपने पौधों में फर्टिलाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अंकुरण और शुरुआती ग्रोथ के समय

  फॉस्फोरस पौधों की जड़ों की ग्रोथ और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बीज अंकुरण के समय अधिक फॉस्फोरस वाले फर्टिलाइजर का प्रयोग करने से पौधे मजबूत होते हैं और उनका विकास तेजी से होता है।

फूल और फल बनने की अवस्था में

 जब पौधे फूल और फल बनने की अवस्था में होते हैं, तो उन्हें अधिक पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। फॉस्फोरस युक्त फर्टिलाइजर का उपयोग करने से पौधों में अधिक फूल आते हैं और फलों की क्वालिटी बेहतर होती है।

मिट्टी में फॉस्फोरस की कमी होने पर

 यदि मिट्टी में फॉस्फोरस की कमी होती है, तो पौधों की ग्रोथ धीमी हो जाती है और पत्तियों का रंग गहरा बैंगनी पड़ सकता है। मिट्टी की जांच में यदि कमी पाई जाती है, तो डीएपी या सुपरफॉस्फेट जैसे फर्टिलाइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है।


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