क्या आप जानते है?, फूलों के रंग मिट्टी के पीएच से कैसे बदलते हैं

23 Dec 2025 15:06:55

नई दिल्ली।फूलों की खूबसूरती का सबसे खास पहलू उनका रंग होता है, और यह रंग सिर्फ प्रजाति या जेनेटिक्स से ही नहीं, बल्कि मिट्टी के पीएच से भी गहराई से जुड़ा होता है। मिट्टी का पीएच पौधे की ग्रोथ, पिगमेंट बनने की प्रक्रिया और ब्लूमिंग पर सीधा असर डालता है। सही पीएच बैलेंस न सिर्फ पौधे को हेल्दी रखता है, बल्कि फूलों की शेड को भी बदल सकता है। जैसे कि कुछ पौधे अम्लीय मिट्टी में नीले फूल ग्रो करते हैं, जबकि वही पौधे क्षारीय मिट्टी में गुलाबी या बैंगनी रंग के फूल दे सकते हैं।

मिट्टी के पीएच का फूलों के रंग पर असर

क्या आप जानते हैं कि मिट्टी का पीएच सिर्फ पौधों की सेहत ही नहीं, बल्कि उनके फूलों के रंग को भी बदल सकता है? अम्लीय या क्षारीय मिट्टी में एक ही पौधे के फूल अलग-अलग रंगों में खिल सकते हैं। चलिए जानते हैं कि, मिट्टी का पीएच फूलों के रंग को कैसे प्रभावित करता है?

अम्लीय मिट्टी में फूलों का रंग

अम्लीय मिट्टी, जिसका पीएच आमतौर पर 5.0 से 6.0 के बीच होता है, एल्युमिनियम जैसे खनिजों को घुलनशील बनाती है। यह खनिज फूलों के पिगमेंट के साथ मिलकर नीला रंग उत्पन्न कर सकते हैं। हाइड्रेंजियाइसका सबसे अच्छा उदाहरण है, जिसमें अम्लीय मिट्टी में नीले रंग के फूल ग्रो होते हैं।

क्षारीय मिट्टी में फूलों का रंग

क्षारीय मिट्टी, जिसका पीएच 7.0 से ऊपर होता है, एल्युमिनियम जैसे खनिजों की उपलब्धता को कम कर देती है। इससे फूलों में एंथोसाइनिन पिगमेंट का प्रभाव अधिक दिखाई देता है, जो गुलाबी और लाल रंग देता है। हाइड्रेंजिया जैसे पौधे क्षारीय मिट्टी में गुलाबी फूल ग्रो करते हैं।

न्यूट्रल मिट्टी में नैचुरल कलर

न्यूट्रल मिट्टी, जिसका पीएच लगभग 6.5 से 7.0 के बीच होता है, पौधों के लिए संतुलित पोषण उपलब्ध कराती है। इस तरह की मिट्टी में फूल अपने प्राकृतिक रंग में खिलते हैं, जो उनकी जेनेटिक संरचना से तय होता है। गार्डनिंग करने वाले लोग न्यूट्रल पीएच पसंद करते हैं, क्योंकि यह अधिकांश पौधों के लिए उपयुक्त होता है और रंग भी स्थिर रहता है।

हाइड्रेंजिया फूल का रंग बदलना

हाइड्रेंजिया एक ऐसा पौधा है जो मिट्टी के पीएच के अनुसार रंग बदलने के लिए पॉपुलर है। अम्लीय मिट्टी में यह नीले फूल देता है, जबकि क्षारीय मिट्टी में गुलाबी। इसका कारण एल्युमिनियम आयन की उपलब्धता है। अम्लीय पीएच में यह आसानी से पौधे की जड़ों द्वारा अवशोषित हो जाता है और पिगमेंट के साथ मिलकर नीला रंग बनाता है।

 

 

 

 

 


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