
नई दिल्ली।हरियाणा के सीरसा जिले के कालांवाली क्षेत्र के सिंघपुरा गांव में प्रगतिशील किसान जगदीश सिंह के खेत में जिले के कृषि विभाग और बागवानी विभाग की ओर से एक किसान गोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर किसानों और बागवानों को संबोधित करते हुए फल उत्कृष्टता केंद्र से विशेषज्ञ डॉ. रिंकू रानी ने कहा कि आज के बदलते समय किसान और बागवान परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी की ओर बढ़ रहे हैं।
नेचुरल कृषि से मिट्टी की सेहत में सुधार
इस अवसर पर बागवानी के विशेषज्ञों ने कहा कि किसान और बागवान सरकारी योजनाएं के लाभ लेकर प्रकृतिक तरीके से कृषि-बागवानी कर रहे है। हरियाणा इस दिशा में सबसे बेहतर साबित हो रहा है। बागवानों को यह भी बताया गया की नेचुरल फार्मिंग से न केवल खेती की लागत घटी है, बल्कि इससे मिट्टी की सेहत औऱ गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है।
बिना खाद के किन्नू में ज्यादा मिठास
कृषि और बागवानी विभाग के विशेषज्ञों ने जगदीश सिंह की बागान में लगे किन्नू का भी निरीक्षण किया। विशेषज्ञों ने कहा कि बागवान जगदीश सिंह बिना खाद और स्प्रे के किन्नू की खेती कर रहे हैं। जो काफी बेहतर है। बिना खाद के तैयार किन्नू में रस औऱ मिठास ज्यादा होता है। बागवानों को प्रकृतिक बागवानी पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, ताकी बीमारियों से बचा जा सके।