हिमाचल में जंगली सेब बढ़ा रहे पक्षियों की प्रजातियां, वन विभाग के अध्ययन में बड़ा खुलासा

03 Dec 2025 15:27:52


नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में जंगली सेब (क्रैब एप्पल) को लेकर किए गए एक महत्वपूर्ण अध्ययन में यह उजागर हुआ है कि यह फल सर्दियों के दौरान विभिन्न पक्षी प्रजातियों का प्रमुख खाद्य स्रोत बनकर उभर रहा है। वन विभाग की वन्यप्राणी विंग द्वारा दो महीने तक किए गए इस अध्ययन से पता चला है कि जिन क्षेत्रों में जंगली सेब के पेड़ अधिक हैं, वहां पक्षियों की प्रजातियों में उल्लेखनीय विविधता देखी गई है। वन्यप्राणी विंग की टीम ने किन्नौर के विभिन्न क्षेत्रों में पक्षियों की भोजन-पसंद पर बारीकी से नजर रखी। अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि मैलस बेकाटा जिसे स्थानीय भाषा में गोंदली कहा जाता है। सर्दियों में 20 से 25 प्रजातियों के पक्षियों के लिए सबसे पसंदीदा भोजन बन जाता है। खास बात यह है कि यह फल केवल पक्षियों ही नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों द्वारा भी पसंद किया जाता है।

अध्ययन कैसे हुआ?

अध्ययन करने वाली दो टीमों में वन परिक्षेत्र अधिकारी रूप सिंह, गोपाल नेगी, ब्लॉक अधिकारी रक्षम संतोष ठाकुर और वन मित्र रक्षम अल्पना शामिल थे। अध्ययन से यह भी सामने आया कि जंगली सेब के कच्चे होने पर पक्षियों की संख्या कम रहती है, लेकिन जैसे ही फल पकने लगता है, पक्षियों की आवाजाही कई गुना बढ़ जाती है।

जंगलों में होगा जंगली सेब का बड़े पैमाने पर पौधरोपण

अध्ययन के सकारात्मक निष्कर्षों को देखते हुए वन विभाग ने जंगलों में जंगली सेब के पेड़ों का पौधरोपण बढ़ाने का फैसला किया है। विभाग के अनुसार नर्सरियों में इस प्रजाति की सीडलिंग तैयार की जा रही हैं, जिन्हें आने वाले महीनों में जंगलों में लगाया जाएगा। उद्देश्य है कि पक्षियों के लिए स्वाभाविक भोजन की उपलब्धता बढ़ाई जाए और क्षेत्र में बर्ड डाइवर्सिटी को और समृद्ध किया जा सके।

 

 

 

 

 

 

 


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