
नई दिल्ली।हिमाचल प्रदेश में ठंड बढ़ने लगी है और इसी के साथ कई जगहों पर कोहरा और सूखी ठंड का असर दिखाई दे रहा है। इस मौसम का सबसे ज्यादा असर फलदार पौधों पर पड़ता है। इसलिए हिमाचल प्रदेश के बागवानी विभाग ने किसानों और बागवानों को अपनी फसलों को सुरक्षित रखने के लिए खास सुझाव जारी किए हैं। हमीरपुर में बागवानी विभाग के उप निदेशक राजेश्वर परमार ने बताया कि तापमान में गिरावट और बारिश की कमी के चलते कोहरा बढ़ने की संभावना है। इसका असर खासकर आम, पपीता, लीची, अमरूद और खट्टे फलों पर पड़ सकता है।
कोहरा और ठंड कैसे नुकसान पहुंचाते हैं?
कोहरे की वजह से पौधों पर नमी कम हो जाती है।
ठंड से पौधे की कोशिकाएं जमकर फट जाती हैं।
इससे पत्तियां जलने जैसी दिखती हैं और फल व फूल झड़ जाते हैं।
नतीजा- उपज कम हो जाती है।
बागवानी विभाग ने दिए ये सुझाव
नियमित सिंचाई करें
पाले से होने वाले नुकसान को रोकने के लिए परमार ने कहा कि किसानों को नियमित रूप से अपने पौधों की सिंचाई करनी चाहिए।
छोटे पौधों को ढकें
छोटे पौधों को पुआल से ढकना चाहिए और दक्षिण-पूर्वी हिस्से को धूप के लिए खुला छोड़ना चाहिए।
सूखी पत्तियों या घास को जलाना
शाम के समय सूखी पत्तियों और घास को जलाने से भी तापमान बढ़ सकता है।
नायलॉन या शेड नेट का इस्तेमाल
विशेषज्ञों ने आम उत्पादकों को सलाह दी कि वे पौधों को ‘नायलॉन’ की जाली (50% छाया) से ढक दें।
खाद और पोषक तत्व दें
इसके अलावा उचित मात्रा में पोटाश डालने से पौधों को कोहरा सहन करने में मदद मिलती है। अधिकारी ने सुझाव दिया कि गाय के गोबर में उर्वरक, नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश मिलाकर उसकी पट्टी बनाकर डालें और मिट्टी व घास की गीली घास से ढक दें।