जैविक खेती से सफलता की मिसाल बनीं रूबी पारीक

27 Feb 2025 16:47:30

दौसा: राजस्थान के दौसा जिले की प्रगतिशील महिला किसान रूबी पारीक ने जैविक खेती के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई है। कठिनाइयों से भरे बचपन और जीवन संघर्षों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और आज उनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक पहुंच चुकी है। उनके पास 10 एकड़ जमीन है, जहां वे जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ अन्य किसानों को भी प्रशिक्षित कर रही हैं।

साल 2006 में कृषि विज्ञान केंद्र दौसा की एक टीम उनके फार्म पर आई और उन्हें जैविक खेती की पूरी जानकारी दी। इससे प्रेरित होकर उन्होंने जैविक खेती को अपनाने और इसे समाज में प्रचारित करने का संकल्प लिया। अपने पति ओम प्रकाश पारीक की मदद से उन्होंने “किसान क्लब खटवा” नामक संस्था की स्थापना की, जो जैविक खेती के प्रचार-प्रसार में सक्रिय रूप से काम कर रही है।

इसे भी पढ़ें: हिमाचल में एचपी शिवा परियोजना से किसानों को बड़ा लाभ: बागवानी मंत्री

रूबी पारीक ने अपने फार्म पर जैविक खेती की सभी विधियों को अपनाया। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उन्होंने 10,000 से अधिक पौधे लगाए, जिससे हरियाली बढ़ी और पर्यावरण को लाभ मिला।

साल 2008 में उन्होंने नाबार्ड की सहायता से राजस्थान की सबसे बड़ी वर्मी कंपोस्ट इकाई स्थापित की, जिसकी उत्पादन क्षमता 200 मीट्रिक टन है। इस इकाई से गरीब मजदूरों को रोजगार मिल रहा है और किसानों को निःशुल्क वर्मी कंपोस्ट, केंचुआ और अजोला फर्न भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

रूबी पारीक किसानों को जैविक खाद तैयार करने के लिए प्रेरित कर रही हैं। उन्होंने अपने खेतों में जीवामृत, घनजीवामृत, पंचगव्य और दशपर्णी अर्क जैसे जैविक उत्पादों का उपयोग शुरू किया, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ी और फसलों की गुणवत्ता भी सुधरी।

 

 

Powered By Sangraha 9.0