सिंदूर की खेती: आस्था से मुनाफे तक का सफर

10 May 2025 12:02:20
Sindoor news
 
 
नई दिल्ली: भारत की पवित्र माटी में अनेक ऐसे वृक्ष हैं जो केवल धार्मिक मान्यताओं से नहीं, बल्कि आर्थिक संभावनाओं से भी जुड़े हैं। ऐसा ही एक पेड़ है सिंदूर का पेड़, जिसे अब लोग Vermilion Farming के नाम से भी जानने लगे हैं। यह पेड़ न सिर्फ अपनी चमकदार लाल रंगत के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसके पीछे छिपी परंपरा और आस्था इसे और भी खास बनाती है।
 

सिंदूर का पेड़ उष्णकटिबंधीय जलवायु में उगता है। इसके बीजों से जो रंग निकलता है उसे एन्नाटो (Annatto) कहा जाता है। यह एक प्राकृतिक रंगद्रव्य है जिसका उपयोग खाद्य पदार्थों, कॉस्मेटिक्स और दवाओं में होता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी भारी मांग है, खासकर अमेरिका, जापान और यूरोप जैसे देशों में।

 
 Also Read: बीकानेर के किसान खजूर की खेती से कर रहे हैं लाखों की कमाई

एक सिंदूर का पौधा तैयार करने में केवल 30 से 50 रुपये का खर्च आता है। एक एकड़ जमीन में लगभग 400 से 500 पौधे लगाए जा सकते हैं। हर पेड़ से हर साल 2 से 3 किलो तक बीज मिलते हैं। इन बीजों की बाजार में कीमत 300 से 500 रुपये प्रति किलो होती है। अगर एक किसान 500 पेड़ लगाता है, तो वह सालाना करीब 4.5 लाख रुपये तक कमा सकता है।

 

भारत में अभी भी सिंदूर की खेती सीमित है, लेकिन प्राकृतिक उत्पादों की बढ़ती वैश्विक मांग इसे एक आर्थिक अवसर बना सकती है। सरकार, कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के सहयोग से यह खेती आने वाले समय में नया बदलाव ला सकती है। कम लागत में अधिक आमदनी देने वाली यह खेती भारत में एक नई कृषि क्रांति की शुरुआत कर रही है।

Powered By Sangraha 9.0