मंडी जिले के जंगलों में प्राकृतिक रूप से जंगली अनार के सैकड़ों पौधे पाए जाते हैं। इस बार इन पेड़ों में बंपर फ्लावरिंग हुई है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि इस बार जंगली अनार की पैदावार बहुत अच्छी होगी। सितंबर और अक्तूबर के महीनों में स्थानीय लोग इन अनारों को जंगल से इकट्ठा करते हैं और उनके दानों को निकालकर सुखाते हैं। सुखाए गए ये दाने बाजार में 400 से 600 रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं।
जंगली अनार केवल स्वाद में ही नहीं, बल्कि औषधीय गुणों में भी बेहद लाभकारी होता है। गर्मियों के मौसम में जंगली अनार की चटनी की डिमांड खासतौर पर बढ़ जाती है। होटलों और ढाबों में आने वाले सैलानी इसकी चटनी की विशेष रूप से मांग करते हैं। इसकी एक और खास बात यह है कि सूखे दानों को कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है। जंगली अनार न केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य का स्रोत है, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आमदनी का भी एक अच्छा साधन बनता जा रहा है।